रांची : 1932 खतियान आधारित स्थानीयता और नियुक्ति तथा सेवाओं में आरक्षण वृद्धि का विधेयक
पास होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीएम आवास पर पटाखे फोड़ खुशियां मनाई.
इस दौरान केंद्रीय सरना समिति झारखंड प्रदेश और सरना प्रार्थना सभा के प्रतिनिधि भी शामिल थे.
वहीं सीएम हेमंत सोरेन का जोरदार स्वागत और अभिनंदन किया.
विधेयक पास होने पर नृत्य का आयोजन भी किया गया.
इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत ने राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन से आशीर्वाद लिया
और झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र की जानकारी दी.
झारखंड वासियों के मान-सम्मान और अस्मिता के लिए सरकार प्रतिबद्ध- मुख्यमंत्री
इस ऐतिहासिक पहल के लिए केंद्रीय सरना समिति और सरना प्रार्थना सभा ने
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन का जोरदार स्वागत और अभिनंदन किया.
इस मौके पर उन्होंने खूब जयकारे लगाए. एक -दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर खुशियों को इजहार किया.
वहीं, आतिशबाजी कर जश्न मनाया. मुख्यमंत्री ने कहा – झारखंड और झारखंड वासियों के मान -सम्मान और अस्मिता के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. इन दोनो विधेयकों को पारित कर हमारी सरकार आदिवासियों- मूलवासियों को उनका हक और अधिकार देने का कार्य किया है. झारखंड विकास के रास्ते पर आगे बढ़ चुका है और यह सिलसिला नहीं थमेगा.
आज का दिन इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज
बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन दोनों विधेयकों के सदन से पारित होने के बाद विधानसभा परिसर में संवाददाताओं को संबोधित किया. और कहा एक बार फिर झारखंड के लिहाज से 11 नवंबर का दिन इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो चुका है.
हमारी सरकार ने निभाया वादा, अब केंद्र सरकार की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने जनता से जो वादा किया था, उसे निभाने का काम किया है . अब केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह झारखंड की भावनाओं के अनुरूप संवैधानिक प्रावधानों के तहत 1932 खतियान आधारित स्थानीयता और नियुक्ति तथा सेवाओं में आरक्षण वृद्धि से संबंधित विधेयक को 9वीं अनुसूची में डालने की पहल करें, ताकि झारखंड वासियों उनका मान-सम्मान और अधिकार मिल सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर जरूर हुई तो पूरी सरकार दिल्ली में भी इसके लिए अपनी पूरी ताकत लगाने से पीछे नहीं हटेगी.
सरकार के हर निर्णय का हो रहा जोरदार स्वागत
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जो भी निर्णय ले रही है, उसका झारखंड की जनता जोरदार स्वागत कर रही है. हमारे कार्यों को लेकर हर तरफ हर्ष -उल्लास का वातावरण है. हमारी कार्यप्रणाली से लोगों में काफी उम्मीदें हैं और हम उनकी आशाओं को धूमिल नहीं होने देंगे. सभी को उनका हक-अधिकार और मान-सम्मान देने का जो सिलसिला शुरू हुआ है, अब थमेगा नहीं.
पटाखे फोड़ मनाई खुशियां: विकास और जनकल्याण के कार्य निरंतर जारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए जनकल्याण और विकास के कार्य सरकार लगातार कर रही हैं. लंबे समय से जो समस्याएं यहां व्याप्त थी, उसे दूर करने का कार्य लगातार जारी है. आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और वंचित वर्गों का जो दुःख-दर्द है, उसे दूर करने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है. सरकार के कदम ना रुके थे और ना रुकेंगे. हम लगातार आगे बढ़ते रहेंगे.
झारखंड के लिए बेहद खास है 11 नवंबर का दिन
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के लिहाज से 11 नवंबर का दिन बेहद खास और ऐतिहासिक है. 11 नवंबर 1908 को ही छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट वजूद में आया था वहीं, पिछले वर्ष 11 नवंबर को झारखंड विधानसभा में सरना अलग धर्म के विधेयक को पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया था और एक बार फिर आज 1932 खतियान आधारित स्थानीयता और नियुक्ति तथा सेवाओं में आरक्षण वृद्धि का विधेयक झारखंड विधानसभा से पारित किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी और मूलवासियों को उनका अधिकार देने के साथ यहां रह रहे सभी लोगों के हितों का भी पूरा ख्याल और संरक्षण किया जाएगा.
रिपोर्ट: मदन सिंह