CM Yogi : यूपी में हर आंगनबाड़ी का होगा अपना भवन, होगी बाल वाटिका और बनेगा किचन गार्डन भी

लखनऊ में पोषण माह कार्यक्रम में बोलते सीएम योगी।

डिजीटल डेस्क : CM Yogi  –  यूपी में हर आंगनबाड़ी का होगा अपना भवन, होगी बाल वाटिका और बनेगा किचन गार्डन भी। बुधवार को लखनऊ में राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हेल्थ वर्करों विशेषकर आंगनबाड़ी वर्करों, आशा और एएनएम के काम की जमकर तारीफ की।

सीएम योगी ने कहा कि ‘प्रदेश में 555 नए आंगनबाड़ी केंद्र बने हैं। मेरी पहली प्राथमिकता होगी कि हर आंगनबाड़ी के पास अपना भवन हो। पिछले 7 वर्ष में हमने 18 हजार आंगनबाड़ी भवन बनाए हैं।

बाकी जितने बचे हैं, उन सबको हम एक साथ बनाने की तैयारी कर रहे हैं। हर आंगनबाड़ी केंद्र बाल वाटिका और किचन गार्डन की भी सुविधा बनाया जाएगा। अब समय हेल्थ वर्करों का है। आप अविचलित होकर आगे बढ़िए। आने वाला समय आपकी आराधना करेगा’।

 ‘इंसेफ्लाइटिस से हुई 50 हजार मौतों की अपराधी हैं पूर्ववर्ती सरकारें’

सीएम योगी ने अपने संबोधन के क्रम में हेल्थ वर्करों के सामूहिक प्रयासों की जमकर तारीफ की। उसी क्रम में इंसेफ्लाइटिस के दौर को याद किया और पूर्ववर्ती सरकारों पर जमकर बरसे।

कहा कि – ‘याद करिए यही सीजन हुआ करता था जब 1 वर्ष के बच्चे से लेकर के 15 वर्ष तक के बच्चे हजारों की संख्या में इंसेफ्लाइटिस की चपेट में आते थे। उनमें से 60 फीसदी की मृत्यु हो जाती थी। जो 40 फीसदी बच जाते थे, उनमें भी अधिकांश शारीरिक या मानसिक दिव्यांगता के शिकार हो जाते थे।

पूरा जीवन खराब हो जाता था और परिवार को काफी जूझना पड़ता था। 2017 में अपनी सरकार आई तो इसके लिए अभियान चलाया था। अभी भी देख रहे होंगे कि साल भर में संचारी रोगों के लेकर लगातार तीन बार अभियान चल रहे हैं।

नतीजा यह है कि जिस इंसेफ्लाइटिस से 40 वर्ष में 50 हजार बच्चों की मौत प्रदेश में हुई, वही इंसेफ्लाइटिस आज पूरी तरह समाप्त हो गया। आखिर जो उन वर्षों में 50 हजार बच्चों की मौतें हुईं, उसके लिए जिम्मेवार कौन है?

आखिर वे 50 हजार बच्चे जीवित होते तो वे आज उत्तर प्रदेश और देश के विकास में अपना सहयोग दे रहे होते। दोष असमय काल-कलवित हुए बच्चों का नहीं बल्कि सिस्टम का था।

शासन की ओर से दी जाने वाली सुविधाएं, पोषण आदि उन बच्चों तक समय पर नहीं पहुंचाने के लिए तब का सिस्टम और सरकारें ही अपराधी हैं’।

सीएम योगी बोले – स्मार्टफोन से हुआ कमाल, यूपी में घटा मातृ-शिशु मृत्यु दर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि – ‘बीते 7 सालों में जो काम हुए हैं, उसके परिणाम भी सामने आए हैं।नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में 2015-16 की तुलना में 2019-20 में सामने आए आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं। शिशु मृत्यु दर 61 से घटकर 38 हुई है और मातृ मृत्यु दर 201 से घटकर के 167 हुई है।

इससे पता चलता है कि जो स्मार्टफोन आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों को प्राप्त हुए हैं, उनका बेहतरीन इस्तेमाल करके डाटा समय पर अपलोड किया गया है। डाटा अपलोडिंग को हमारी सरकार ने मिशन मोड में लिया तो बेहतर परिणाम सामने आए।

होते हुए काम आंकड़े में दिखने लगे और देश की अर्थव्यवस्था उत्तर प्रदेश अब बैरियर नहीं बल्कि ग्रोथ इंजन के रूप में जाना जाने लगा है। ये सब केवल एक विभाग का नहीं बल्कि अंतर-विभागीय समन्वय से हो पाया है।

अंतर विभागीय समन्वय की ताकत क्या होती है, उसे इंसेफ्लाइटिस के प्रभावी नियंत्रण में हम देख पाए हैं। उसी इंसेफ्लाइटिस नियंत्रण का मॉडल हमने कोरोना के दौरान अपनाया।

टीम इलेवन का मॉडल बनाया और अंतर विभागीय समन्वय से एक साथ पूरे प्रदेश पर फोकस कर लॉकडाउन शुरू होते ही कार्यक्रम चलाया। मार्च 2020 से लेकर के 2023 तक दुनिया के साथ ही हमारे सामने भी कोरोना की चुनौती आई थी।

दुनिया की सबसे बड़ी महामारी का सामना जब दुनिया को करना पड़ा था, तब उत्तर प्रदेश के 25 करोड़ जनता को उस महामारी से बचाने की चुनौती थी। विरासत में मिली हुई कमजोर स्वास्थ्य सुविधाएं भी चुनौती थीं लेकिन तब हमारे यही हेल्थ वर्कर – आंगनबाड़ी बहनें, आशा बहुएं और एएनएम ने अपनी खुद की जान की परवाह किए बगैर हरेक के घर-घर जाकर उनके जान की परवाह की।

परिणाम यह रहा कि हमने कोरोना प्रबंधन का बेहतरीन उदाहरण पेश किया। जब चुनौती थी, संकट तो हमने करके दिखा दिया। वह कसौटी थी। बड़े-बड़े लोग बड़ी-बड़ी बाते हैं।

उस समय कोरोना काल में कोई विदेश छुट्टी पर भाग गया था तो कई अन्य जगह गुम हो गए थे। उस समय इनका कहीं पता नहीं था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने तब बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया’।

लखनऊ के पोषण माह कार्यक्रम में आंगनबाड़ी वर्कर को सम्मानित करते सीएम योगी।
लखनऊ के पोषण माह कार्यक्रम में आंगनबाड़ी वर्कर को सम्मानित करते सीएम योगी।

सीएम योगी ने ब्लॉक स्तर पर स्वस्थ बच्चों की कंपटीशन कराने को कहा

इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा कि – ‘विभाग से कहूंगा कि मॉडल बनाइए जिसमें हर ब्लॉक स्तर पर 1 से 3 और 3 से 5 साल के उम्र के स्वस्थ बच्चों की प्रतियोगिता भी हो। स्वास्थ्य के मानक तय कर उस पर काम हो और प्रतिस्पर्धा में उसका मूल्यांकन हो।

स्वस्थ बच्चे, उसकी माता और संबंधित आंगनबाड़ी वर्कर को सम्मान देने के साथ ही अलग से भत्ता दें। साल में दो बार इस कार्यक्रम को करिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर माह को पोषण माह के रूप में माना है तो इसी माह में उस प्रतियोगिता का काम शुरू होना चाहिए।

ये बड़ा अभियान होगा, इसे हमे आगे बढ़ाना चाहिए। इससे चिन्हित होने वाले हर कुपोषित बच्चे तक हमारी सीधी पहुंच बने और उसका कुपोषण दूर करें। यह कार्यक्रम बड़ा राष्ट्रीय कार्यक्रम बनेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बाल वाटिका में प्री-प्राइमरी स्कूलिंग से छवि काफी बदलेगी।

माता यशोदा वाली भूमिका और दायित्व आंगनबाड़ी बहनों पर है। पन्ना बाई ने भी जिस तरह तब राजवंश के अंतिम निशानी को बचाया, कुछ वैसी समर्पण और त्याग का भाव लेकर आंगनबाड़ी बहनें काम करती हैं’।

इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य, राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला, मुख्य सचिव मनोज सिंह, मोनिका गर्ग, रीना जौहरी आदि मौजूद रहे।

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