किशनगंज : किशनगंज जिले के ठाकुरगंज अंचलाधिकारी सुचिता कुमारी को फर्जी रजिस्ट्री कागज के आधार पर मोटेशन करना भारी पड़ गया। खबर प्रकाशित होने पर विभाग ने संज्ञान लिया है। जांच में दोषी पाए जाने पर अंचलाधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। किशनगंज के जिलाधिकारी विशाल राज ने एक्शन लेते हुए अंचालधिकारी सुचिता कुमारी निलंबित कर दिया।
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मामला ठाकुरगंज अंचल से जुड़ा है, निजी जमीन हड़पने के लिए बनाए गए जाली दस्वावेज
दरअसल, मामला ठाकुरगंज अंचल से जुड़ा है जहां भातगांव पंचयात में एक निजी जमीन हड़पने के लिए जाली दस्तावेज बनाने का मामला प्रकाश में आया था। मोहम्मद कसमुद्दीन ने मोहम्मद जमील अख्तर और उनके चार भाइयों पर जाली दस्तावेज बनाने का आरोप लगाया था। पीड़ित ने आठ फरवरी 2025 को थाना प्रभारी को जाली दस्तावेजों के साथ शिकायत दी। थाना प्रभारी ने मामले की जांच के लिए अंचलाधिकारी से सत्यापन कराया। अंचल अधिकारी ने रजिस्टार से रिपोर्ट मंगवाई। 15 और 18 फरवरी को क्रमशः पत्रांक 441 और 39 के तहत रिपोर्ट प्राप्त हुई। आरोपी मोहम्मद जमील अख्तर (32), मोहम्मद शहजमाल (42), मसेर आलम (45), वजीर आलम (47) और इसहाक आलम (35) ने मिलकर पीड़ित के स्वर्गीय पिता नफर अली की संपत्ति हड़पने के लिए कंप्यूटर में फर्जी केवाला तैयार किया। आरोपियों ने अपनी पहुंच और पैसे के बल पर दाखिल खारिज तक का काम करा लिया।
CO व कर्मचारी ने भी आनन-फानन में महज 20 दिनों में ही मोटेशन की प्रक्रिया को पूरी कर दी
आपको बता दें कि यही नहीं अंचलाधिकारी व कर्मचारी ने भी आनन-फानन में महज 20 दिनों में ही दाखिल-खारिज (मोटेशन) की प्रक्रिया को पूरी कर देती हैं। जबकि पीड़ित व्यक्ति के द्वारा म्यूटेशन की प्रक्रिया को रोकने के लिए आवेदन भी दिया जाता है जिसे अंचलाधिकारी नजरअंदाज कर मोटेशन कर देती हैं। इस पूरे मामले में अंचलाधिकारी ठाकुरगंज सुचिता कुमारी ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि गलगलिया थाने में जनता दरबार के क्रम में गलत मोटेशन का मामले की जानकारी प्राप्त हुई है। जिसके बाद मो. जमील के विरुद्ध पीड़ित के द्वारा मामला भी दर्ज हुआ है।
जांच में अंचलाधिकारी को दोषी बताते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए पूर्णिया मुख्यालय बुला लिया
वहीं करीब तीन महीनों बाद विभाग ने जांच में अंचलाधिकारी सुचिता कुमारी को दोषी बताते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए पूर्णिया मुख्यालय बुला लिया जहां उन्हें दैनिक जीवन यापन भत्ते पर कार्य करना होगा। यहीं नहीं विभाग ने एक पत्र के माध्यम उनपर अलग से विभागीय जांच जारी रखने की भी बात कही। सरकार के इस कदम की इलाके में खूब सराहना हो रही है। पूरे मामले में डीएम विशाल राज ने तत्परता दिखाते हुए बड़ा एक्शन लिया है।
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कौशल विश्वाश की रिपोर्ट