पटना : बिहार विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) द्वारा दिए गए ‘चुनाव बहिष्कार’ के बयान पर कांग्रेस ने गंभीर प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने शनिवार को कहा कि तेजस्वी यादव की यह चेतावनी इस बात की ओर इशारा करती है कि राज्य में निष्पक्ष चुनाव की स्थितियां नहीं बन पा रही हैं।
बहिष्कार का मुद्दा अभी ‘समयपूर्व’ – अभिषेक मनु सिंघवी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चुनाव बहिष्कार का मुद्दा अभी ‘समयपूर्व’ जरूर है, लेकिन यदि ऐसा कोई सामूहिक निर्णय लिया गया, तो यह निर्वाचन आयोग की साख पर बड़ा सवाल खड़ा करेगा। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण सवाल है, जो अभी समयपूर्व है। बयान को न देखें, इसके पीछे की भावना को देखें… इसके पीछे की भावना दर्द, पीड़ा, गुस्से की है। वो यह है कि हम पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन मैदान एकतरफा, असमान क्यों है, यही इसका संदेश है।
SIR को लेकर तेजस्वी ने लगाए आरोप
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने हाल ही में निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए चेतावनी दी थी कि अगर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को वापस नहीं लिया गया, तो राजद आगामी विधानसभा चुनावों का बहिष्कार कर सकती है। उनका आरोप है कि यह प्रक्रिया कई नए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने या उन्हें शामिल न करने का जरिया बन सकती है, जिससे विपक्षी दलों को नुकसान हो सकता है।
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बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर के बीच विधानसभा चुनाव कराए जाने की संभावना है – सिंघवी
बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर के बीच विधानसभा चुनाव कराए जाने की संभावना है। ऐसे में मतदाता सूची को लेकर बढ़ता विवाद विपक्ष और निर्वाचन आयोग के बीच टकराव को बढ़ा सकता है। कांग्रेस ने साफ किया कि वह चुनाव लड़ने को पूरी तरह तैयार है, लेकिन वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया की निष्पक्षता पर कोई समझौता नहीं कर सकती। सिंघवी ने संकेत दिए कि अगर विपक्षी दलों को मिलकर कोई बड़ा निर्णय लेना पड़े तो कांग्रेस उसके लिए भी तैयार रहेगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी दल इस मुद्दे पर एकजुट होकर चुनाव आयोग पर दबाव बनाते हैं या नहीं, और आयोग इस चेतावनी पर कैसी प्रतिक्रिया देता है।
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