रांची: धनबाद में कोयला खदान और इसके व्यापार से संबंधित इकाइयों के कारण वायु की गुणवत्ता (वायुमंडलीय गुणवत्ता सूची) में कमी आई है, जिससे स्वास्थ्य सम्बन्धी गंभीर चिंता पैदा हुई है। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए नए हार्ड और सॉफ्ट कोक इकाइयों को धनबाद में उनकी स्थापना के लिए किसी भी अनुमति को 1 अक्टूबर 2023 से प्रारंभ होने वाले दिन तक नहीं देंगे। इस अधिसूचना के अनुसार, जब तक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानकों की अनुपालना नहीं होती, तब तक यह नियम प्रभावी रहेगा।
प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव वाई के दास की सूचना के अनुसार, 30 सितंबर तक, ऑनलाइन सहमति प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से जमा किए गए सहमति प्राप्ति (Consent to Establish) आवेदनों पर कार्रवाई की जाएगी, परंतु इन आवेदनों को पूरी तरह से सही और पूरा किया जाने पर ही स्वीकृति दी जाएगी। अधूरे आवेदनों को रद्द कर दिया जाएगा, उसके बाद ऐसे आवेदनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस तारीख के बाद, क्रशर संचालन के लिए कंसेट टू ऑपरेट नियम अनुसार झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा निर्गत किए जाएंगे।
राज्य के किसी भी क्षेत्र में क्रशर संचालन की अनुमति को भी विधिगत बनाया गया है, लेकिन इसके लिए खनन पट्टा क्षेत्र से पांच किमी की दूरी पर ही इसका अधिष्ठापन किया जाना होगा। इस नियम के आधार पर, 1 अक्टूबर से सीटीई और सीटीओ की मंजूरी के बिना क्रशर संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अनुसार, पहले से चालित क्रशर संचालकों को अपने क्रशर को 1 जून 2025 तक इस नियम के अनुसार लागू करना होगा।