अब कोलकाता के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआइ) के एक निर्देश को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. डीआइ ने व्हाट्सएप ग्रुप में रविवार को भेजे गये संदेश में निर्देश दिया है कि शिक्षक, जींस या कोई अनौपचारिक पोशाक पहनकर स्कूल नहीं आ सकते. हालांकि बाद में इस संदेश में संशोधन किया गया, लेकिन उनके संदेश को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है.
पता चला है कि रविवार को जिला विद्यालय निरीक्षक ने स्कूल शिक्षा विभाग के कई आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुपों में संदेश भेजकर प्रधानाध्यापकों को दो मुद्दों पर निर्देश दिये. सबसे पहले, शिक्षकों को नियमित उपस्थिति लेनी होती है और किसी तरह निर्धारित समय के बाद आने पर शिक्षकों को स्कूल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होती है. फिर, उन्होंने जो दूसरा मैसेज भेजा उससे विवाद खड़ा हो गया है. यह मैसेज ड्रेस कोड के बारे में है. हालांकि, डीआइ ने सोमवार रात को ड्रेस कोड को लेकर व्हाट्सएप मैसेज को इग्नोर करने के लिए कहा, लेकिन इसे
लेकर विवाद रुक नहीं रहा. इस संदर्भ में डीआइ संजय चट्टोपाध्याय का कहना है कि शिक्षकों के पहनावे का असर छात्रों के दिमाग पर पड़ता है. उनमें शिक्षकों के पहनावे की नकल करने की प्रवृत्ति पैदा होती है. परिणामस्वरूप, अगर शिक्षक जींस या इनफॉर्मल जैसे कोई कपड़े पहनते हैं, तो इसका छात्रों के दिमाग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, इसीलिए ऐसा मैसेज भेजा गया.
कुछ शिक्षक डीआइ के इस तर्क को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं, उनके अनुसार, शिक्षकों का विश्लेषण इस आधार पर किया जाना चाहिये कि वे क्या पढ़ा रहे हैं, न कि इस आधार पर कि उन्होंने क्या पहना है. उनके मुताबिक, जीस कोई अश्लील परिधान या अप संस्कृति का प्रतीक नहीं है. इसलिए, शिक्षक इसे मान नहीं रहे हैं.