झारखंड सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली पर विवाद, टेट सफल अभ्यर्थियों ने 60% अंक की अनिवार्यता हटाने और आरक्षण नीति में स्पष्टता की मांग की।
रांची : झारखंड में सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। टेट सफल सहायक आचार्य संघ ने नियुक्ति प्रक्रिया में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए शिक्षा सचिव और प्राथमिक शिक्षा निदेशक को ज्ञापन सौंपा है।
Key Highlights
झारखंड में सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली पर विवाद
टेट सफल अभ्यर्थियों ने 60% अंक की अनिवार्यता का किया विरोध
शिक्षा सचिव और प्राथमिक शिक्षा निदेशक को सौंपा गया ज्ञापन
संघ का तर्क: जेटेट केवल पात्रता परीक्षा, मेरिट का आधार नहीं
आरक्षण नीति में स्पष्टता की कमी पर भी उठाए सवाल
संघ का कहना है कि सरकार ने नियुक्ति में 60% अंक की अनिवार्यता लागू कर दी है, जबकि झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) केवल पात्रता परीक्षा है, न कि मेरिट तय करने का आधार। संघ के प्रदेश संरक्षक प्रमोद कुमार ने कहा कि 2016 और 2024 के जेटेट विज्ञापनों में भी साफ लिखा गया है कि परीक्षा पास करने मात्र से नियुक्ति का अधिकार नहीं मिलता। ऐसे में 60% अंकों को अनिवार्य करना अनुचित है।
आरक्षण नीति पर भी सवाल
संघ ने आरक्षण नीति को लेकर भी आपत्ति जताई है। मांग की गई है कि यदि आरक्षित वर्ग का कोई अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में सामान्य वर्ग से अधिक अंक लाता है, तो उसे सामान्य श्रेणी में नियुक्त किया जाना चाहिए। संघ का कहना है कि यह डबल आरक्षण नहीं है बल्कि संविधान सम्मत प्रक्रिया है।
संघ ने सरकार से नियमावली में पुनर्विचार करने और शिक्षकों के हित में न्यायसंगत बदलाव करने की मांग की है।
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