तबरेज अंसारी के मॉब लिंचिंग मामले में आया कोर्ट का फैसला

सरायकेला: सिविल कोर्ट के एडीजे अमित शेखर की कोर्ट ने बहुचर्चित तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग हत्याकांड में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने मामले में 10 आरोपियों को दोषी ठहराया है. सभी 10 दोषियों के सजा के बिंदु पर 5 जुलाई को सुनवाई होगी. कोर्ट ने मामले के दो आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. सरायकेला सिविल कोर्ट के लोक अभियोजक अशोक कुमार राय ने मामले में 36 गवाहों की गवाही कराई. ट्रायल के दौरान एक आरोपी की मौत हो चुकी है. मामले में 13 आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुआ था.

 क्या था मामलाः

18 जून 2019 की रात को मृतक तबरेज अंसारी जमशेदपुर स्थित अपने फुआ के घर से सरायकेला स्थित अपने गांव कदमडीहा लौट रहा था. इसी दौरान रास्ते में धातकीडीह गांव में ग्रामीणों ने मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में उसे पकड़ लिया और बांधकर रात भर पीटा. ग्रामीणों ने दूसरे दिन सुबह उसे पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस ने पहले उसका इलाज सदर अस्पताल में कराया, फिर शाम को जेल भेज दिया था.

सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौतः

22 जून 2019 की सुबह दोबारा तबरेज अंसारी को जेल से गंभीर हालत में सदर अस्पताल लाया गया. जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी. हालांकि परिजनों के द्वारा उसके जिंदा होने का दावा करने पर उसे सदर अस्पताल से जमशेदपुर टीएमएच रेफर कर दिया गया. लेकिन वहां भी डॉक्टरों ने तबरेज को मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद पुलिस और परिजन उसे वापस सरायकेला लाए और शव का पोस्टमार्टम कराया गया.

मृतक तबरेज अंसारी की दो महीने पहले ही शादी हुई थी. 27 अप्रैल को उसका निकाह हुआ था. परिवारवालों के मुताबिक निकाह के लिए ही तबरेज पुणे से गांव आया था. निकाह के बाद ईद पर्व मनाने के लिए वह गांव में रुक गया था.

पुलिस ने 11 लोगों को किया था गिरफ्तार

सरायकेला पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों को तत्काल गिरफ्तार किया था. पुलिस ने 22 जून को ही नामजद अभियुक्त पप्पू मंडल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जबकि बाद में 10 लोगों की गिरफ्तारी हुई. उधर खरसावां थाना प्रभारी और सिनी ओपी प्रभारी को ड्यूटी में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया था. मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट की मांग की थी.

 

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