CPP Meeting : सोनिया गांधी का कांग्रेस सांसदों को संदेश – सियासी हवा हमारे पक्ष में, चार राज्यों में जीत को कसें कमर तो बदलेगी देश की सियासत

बुधवार को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में जातीं सोनिया गांधी

डिजीटल डेस्क : CPP Meetingसोनिया गांधी का कांग्रेस सांसदों को संदेश – सियासी हवा हमारे पक्ष में, चार राज्यों में जीत को कसें कमर तो बदलेगी देश की सियासत। कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की बैठक में बुधवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस ससंदीय दल नेता सोनिया गांधी ने देश की सियासत पर अपने सांसदों को दिए गए संदेश में गभीर बाते कहीं जिसके मायने सियासी तौर पर काफी गूढ़ माने जा रहे हैं। सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में हर शब्द को चुनकर और तौलकर शामिल किया ताकि उसका संदेश साफ तौर पर लक्ष्य तक पहुंचे और उस पर पार्टीजन गंभीरता से काम करने को आगे बढ़ें। उन्होंने पार्टी को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जीत का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि देश में इस समय सियासी हवा कांग्रेस के पक्ष में है और आने वाले समय में चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अभी से कमर कस लें। चार राज्यों में जीत गए तो फिर देश की सियासत बदल जाएगी। इस वक्त माहौल कांग्रेस के पक्ष में है, लेकिन इस गति को बनाए रखना और लोकसभा चुनाव में पार्टी ने जो साख बनाई है, उसे बरकरार रखना बेहद जरूरी है।

विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेसियों में सोनिया गांधी ने भरा जोश

सोनिया गांधी ने इस संबोधन में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव तथा जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव की संभावना के मद्देनजर पार्टी नेताओं में जोश भरने का प्रयास किया। कहा कि ‘कुछ ही महीनों में चार राज्यों में चुनाव होने हैं। हमें लोकसभा चुनाव में बनी स्थिति को बरकरार रखना चाहिए। हमें आत्मसंतुष्ट और अति आत्मविश्वासी नहीं बनना चाहिए। माहौल हमारे पक्ष में है, लेकिन हमें लक्ष्य को ध्यान में रखने की भावना के साथ एकजुट होकर काम करना होगा। हमें बिल्कुल भी लापरवाह नहीं होना है। न ही हमें अति-आत्मविश्वास से भरना है। मैं यह कह सकती हूं कि अगर हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो लोकसभा चुनाव में जैसा माहौल दिखा उस आधार पर राष्ट्रीय राजनीति अब बदलने जा रही है’।

बजट पर अपने नेताओं का सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख को सोनिया ने सराहा

बुधवार को इस बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस संसदीय दल नेता सोनिया गांधी ने पार्टी सांसदों को चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा। हवा का रुख हमारे पक्ष में है। अगर आने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में हम जीत गए तो उसका राष्ट्रीय राजनीति में विशेष प्रभाव पड़ेगा, इसलिए कमर कस लें। हवा का रुख हमारे पक्ष में है। मैं हमारे दोनों सदन के नेताओँ और हमारे सहयोगियों को बधाई देती हूं, जिन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान हमारी पार्टी के विचारों को जोरदार तरीके से सदन में रखा। पिछले कुछ दिनों में जब तत्काल आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने की बात आती है तो आप में से कई लोगों ने बजट की कई अपर्याप्तताओं को बहुत प्रभावी ढंग से सामने रखा।

बेटे राहुल संग सोनिया गांधी की फाइल फोटो
बेटे राहुल संग सोनिया गांधी की फाइल फोटो

सोनिया बोलीं – बजट से व्यापक निराशा, जनगणना का कोई जिक्र नहीं

कांग्रेस नेता ने कहा कि किसानों और विशेषकर युवाओं की ज्वलंत मांगों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है। प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और अन्य लोगों द्वारा बजट और इसकी तथाकथित उपलब्धियों के बारे में बात करने के बावजूद व्यापक निराशा हुई है। सोनिया गांधी ने आगे कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार का जनगणना कराने का कोई इरादा नहीं है। यह हमें देश की जनसंख्या, विशेषकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या का नवीनतम अनुमान लगाने से रोक देगा। इसका मतलब यह भी है कि हमारे कम से कम 12 करोड़ नागरिक 2013 के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभ से वंचित हैं, जिसे अब पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के रूप में पुनर्निर्मित किया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले वर्षों में शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई है। देश को आगे ले जाने के बजाय पूरी शिक्षा व्यवस्था को दोषपूर्ण बताया जा रहा है। युवाओं का भविष्य खतरे में है। एनसीईआरटी, यूजीसी और यहां तक ​​कि यूपीएससी जैसी संस्थाओं की स्वायत्तता पूरी तरह से नष्ट हो गई है।

सोनिया ने आरएसएस को निशाने पर लिया, कांवड़ यात्रा मसले का किया जिक्र

सोनिया गांधी ने आगे कहा कि हमें उम्मीद थी कि मोदी सरकार लोकसभा चुनावों के नतीजों से सबक लेगी लेकिन इसके बजाय वह समुदायों को विभाजित करने और भय और शत्रुता का माहौल फैलाने की अपनी नीति पर कायम है। सौभाग्य से सुप्रीम कोर्ट ने सही समय पर हस्तक्षेप किया, लेकिन यह केवल एक अस्थायी राहत हो सकती है। देखिए कि कैसे नौकरशाही को आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति देने के लिए नियमों को अचानक बदल दिया गया है। यह खुद को एक सांस्कृतिक संगठन कहता है लेकिन पूरी दुनिया जानती है कि यह भाजपा का राजनीतिक और वैचारिक आधार है।

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