Crime News: इंसानियत को झकझोर देने वाला हत्याकांड सामने आया है। मकान नंबर 61 के सामने 10 फीट गहरे गड्ढे से पुलिस ने दो महीने से लापता बहू तनु का कंकाल बरामद किया है। यह वही तनु है जिसकी शादी दो साल पहले अरुण सिंह से हुई थी और जो 23 अप्रैल को अचानक लापता हो गई थी। घटना फरीदाबाद के रौशन नगर की है।
पुलिस और परिवारजन महीनों तक उसे ढूंढते रहे, लेकिन सच्चाई उस मकान के ठीक सामने दबे गड्ढे में दफन थी। शुरुआती जांच में ससुर भूप सिंह की भूमिका सामने आई थी, लेकिन जब केस क्राइम ब्रांच को सौंपा गया, तो हकीकत और भी खौफनाक निकली।
Crime News: हत्या से पहले किया गया बलात्कार
क्राइम ब्रांच की जांच में यह खुलासा हुआ कि 22-23 अप्रैल की रात तनु के पति अरुण सिंह और ससुर भूप सिंह ने मिलकर हत्या की योजना बनाई थी। दोनों ने तनु और उसकी ननद के खाने में नींद की गोलियां मिलाईं। साजिश के मुताबिक, भूप सिंह ने सोती हुई बहू के साथ पहले बलात्कार किया और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।
इसके बाद बाप-बेटे ने मिलकर घर के बाहर पहले से खुदवाए गए गड्ढे में उसकी लाश को दबा दिया। लाश पर मिट्टी और ईंटें डाली गईं, फिर ऊपर से सीढ़ियां और चबूतरा बना दिया गया, ताकि शक की कोई गुंजाइश न रहे।
Crime News: मायकेवालों के शक से शुरू हुई जांच
तनु के मायकेवालों ने उसकी गुमशुदगी को लेकर शुरू से ही ससुराल वालों पर शक जताया था। उन्होंने फरीदाबाद पुलिस को उस चबूतरे और सीढ़ियों के अचानक बनने की जानकारी दी, जिससे जांच की दिशा बदल गई।
पुलिस ने स्थानीय राजमिस्त्री से पूछताछ की तो पता चला कि गड्ढा पहले खुदवाया गया था लेकिन पानी की निकासी के लिए नहीं, बल्कि पहले ही भरकर ऊपर सिमेंटिंग कर दी गई थी।
Crime News: पुलिस पर भी सवाल
इस मामले में लोकल पुलिस यानी पल्ला थाने की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। दो महीने तक कोई ठोस सुराग न निकाल पाने की वजह से केस क्राइम ब्रांच को सौंपा गया, जिसने महज कुछ ही दिनों में पूरे हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया।
Crime News: तीन गिरफ्तार, जांच जारी
क्राइम ब्रांच ने भूप सिंह, उसके बेटे अरुण सिंह और तनु की सास सोनिया को गिरफ्तार कर लिया है। प्रारंभिक पूछताछ में सभी ने अपना जुर्म कबूल किया है। हालांकि, यह भी सामने आया है कि हत्या की रात सोनिया जानबूझकर अपने मायके चली गई थी, ताकि किसी भी जांच से बच सके।
Crime News: न्याय की उम्मीद और कानून की जिम्मेदारी
यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि पारिवारिक रिश्तों में मौजूद नफरत, लालच और जुल्म की भी गवाही देता है। तनु की जान शायद बच नहीं सकती थी, लेकिन अगर पल्ला थाने की पुलिस ने शुरुआत में ही गंभीरता दिखाई होती, तो उसकी लाश को दफन किए हुए दो महीने नहीं बीतते।