रांची: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के पहले शाही स्नान की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और श्रद्धालु अब पुण्य की डुबकी लगाने के लिए अपने-अपने सफर पर निकल पड़े हैं। खासकर रांची से यात्रा करने वाले लोग अब कुंभ के लिए रवाना होने लगे हैं। इसके लिए विशेष ट्रेनें, बसें और फ्लाइट्स की बुकिंग में तेजी आई है, साथ ही यात्रा का किराया भी बढ़ चुका है।
रेलवे ने प्रयागराज कुंभ मेले के मद्देनजर यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए कुल 5 कुंभ स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा की है। इनमें से तीन ट्रेनें रांची से चलने वाली हैं। विशेष रूप से रांची-टूंडला कुंभ मेला स्पेशल ट्रेन में 19 जनवरी से रिजर्वेशन की स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण हो चुकी है। ट्रेन नंबर 08067 रांची से टूंडला के लिए 19 जनवरी को चलेगी, जिसमें एसी बोगियों में आरएसी तक हो चुकी है। इसके अलावा, 08068 ट्रेन टूंडला से रांची के लिए 20 जनवरी को चलेगी। इसी तरह अन्य स्पेशल ट्रेनों में भी वेटिंग लिस्ट लंबी हो चुकी है।
इसके साथ ही, 08425 भुवनेश्वर-टूंडला कुंभ मेला स्पेशल ट्रेन भी वाया मुरी चलेगी। इस ट्रेन के 22 जनवरी और 19, 26 फरवरी को चलने के बाद यात्रा में और भी ज्यादा भीड़ देखी जा सकती है। रेलवे ने इन विशेष ट्रेनों में जनरल बोगियों के साथ-साथ एसी बोगियों की भी व्यवस्था की है, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को यात्रा का मौका मिल सके।
रांची से बनारस और लखनऊ के लिए फ्लाइट्स का किराया भी आम दिनों की तुलना में दोगुना हो गया है। 11 और 12 जनवरी को रांची से बनारस और लखनऊ के लिए विमानों की सीटें 80 प्रतिशत तक भर चुकी हैं। फ्लाइट्स का किराया इस समय 11-13 जनवरी के लिए रांची से बनारस का किराया 16,000-17,000 रुपये हो चुका है, जो सामान्य दिनों में केवल 6,000-7,000 रुपये होता है। वहीं, रांची से लखनऊ (वाया पटना) की फ्लाइट का किराया भी 9,000-12,000 रुपये तक जा पहुंचा है।
बसों की सेवाएं भी काफी प्रभावित हो रही हैं। रांची से कुल 12 बसें बनारस और एक बस प्रयागराज के लिए चलने वाली हैं। इन बसों का किराया नॉन-एसी बसों के लिए प्रति सीट 500 से 600 रुपये और एसी बसों के लिए 600 से 700 रुपये तक है। प्रयागराज जाने वाली बसों का किराया 1200 रुपये है। इन बसों की सीटें भी 50 प्रतिशत तक पहले ही बुक हो चुकी हैं, खासकर 11 और 12 जनवरी के लिए। इन बसों में ज्यादातर यात्री वे हैं जिन्हें ट्रेनों में रिजर्वेशन नहीं मिल पाया है।
महाकुंभ के दौरान शाही स्नान के छह प्रमुख तिथियां निर्धारित की गई हैं। पहला शाही स्नान पौष पूर्णिमा पर 13 जनवरी को होगा, जबकि मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी को दूसरा शाही स्नान होगा, जिसे विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह स्नान लाखों श्रद्धालुओं के लिए पुण्य का मौका होता है, और इसकी तैयारी के लिए यात्री महाकुंभ में पहुंचने के लिए विभिन्न माध्यमों से यात्रा कर रहे हैं।
कुंभ महोत्सव के दौरान शाही स्नान के समय यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। रेलवे, फ्लाइट्स और बसों की सेवाओं में बढ़ी हुई भीड़ और बुकिंग की वजह से यात्रियों को यात्रा की योजना बनाते समय बहुत सावधानी से काम लेना पड़ रहा है। जिन यात्रियों को ट्रेन, फ्लाइट या बसों में रिजर्वेशन नहीं मिल पा रहा है, वे अब अन्य विकल्पों को तलाश रहे हैं।
महाकुंभ 2025 के पहले शाही स्नान के लिए श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है, और यात्री सेवाओं में भीड़ बढ़ने से यात्रा के खर्च में भी बढ़ोतरी हुई है। इस बीच, रेलवे, एयरलाइंस और बस कंपनियां श्रद्धालुओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपनी सेवाएं बढ़ाने और बुकिंग की व्यवस्था को सुधारने में जुटी हुई हैं।