झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में दो दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने किया, 100 से अधिक प्रकाशक हुए शामिल।
CUJ Book Exhibition 2025 : झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUJ) के विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में बुधवार को दो दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने किया। यह आयोजन 9 अक्टूबर तक चलेगा। उद्घाटन समारोह में कुलपति ने कहा कि “सोशल मीडिया युग में पुस्तकों का महत्व और अधिक बढ़ गया है। विद्यार्थी और शोधार्थी पुस्तक के ज्ञान भंडार से लाभान्वित होकर देश में शोध और नवाचार को नई ऊंचाई दें।”
Key Highlights:
झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में दो दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ।
कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने किया उद्घाटन, विद्यार्थियों को पुस्तक पढ़ने की प्रेरणा दी।
100 से अधिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रकाशक हुए शामिल।
एल्सेविएर, ऑक्सफोर्ड, सेज, पीयरसन, रूटलेज जैसे प्रमुख प्रकाशक मौजूद।
प्रदर्शनी में विद्यार्थी व शोधार्थी अपनी पसंद की पुस्तकें विश्वविद्यालय को सुझा सकेंगे।
आयोजन विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा ज्ञान व शोध संस्कृति को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से।
CUJ Book Exhibition 2025
इस प्रदर्शनी में 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रकाशक जैसे Elsevier, Oxford University Press, SAGE, Pearson और Routledge शामिल हुए हैं। प्रदर्शनी में कुल 20 स्टॉल लगाए गए हैं, जहां विविध विषयों पर आधारित पुस्तकें प्रदर्शित की गई हैं।
कार्यक्रम के संयोजक और केंद्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. सुजीत कुमार पांडेय ने बताया कि इसका उद्देश्य विश्वविद्यालय में सशक्त पठन-पाठन संस्कृति को बढ़ावा देना और विद्यार्थियों को आधुनिक शैक्षणिक संसाधनों तक पहुंच उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपनी पसंद की पुस्तकों का सुझाव दे सकते हैं, जिन्हें विश्वविद्यालय खरीदेगा।
CUJ Book Exhibition 2025
डॉ. शंभु राज उपाध्याय, उप पुस्तकालयाध्यक्ष ने बताया कि यह प्रदर्शनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है और विभिन्न विषयों की नवीनतम पुस्तकों का प्रदर्शन किया गया है।
कुलपति ने पुस्तकालय टीम की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन विश्वविद्यालय के ज्ञान-संवर्धन और जीवंत शिक्षण वातावरण की दिशा में एक सार्थक कदम है। कार्यक्रम में प्रो. कुंज बिहारी पंडा, प्रो. भगवान सिंह, प्रो. ए.के. पाधी, डॉ. सौमेन डे और अन्य प्राध्यापक उपस्थित थे।
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