रांची: झारखंड की राजधानी रांची में रहने वाले एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर के साथ करीब 50 लाख रुपये की बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है। इस मामले में सीआइडी की साइबर अपराध थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गुजरात के जूनागढ़ जिले के कोडीनार से आरोपी रवि हसमुखलाल गोधनिया को गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार आरोपी कोडीनार के सत्यम सोसाइटी वेरावल, ब्लॉक 86 का निवासी है। पुलिस ने उसके पास से एक मोबाइल फोन, एक सिम कार्ड, तीन एटीएम कार्ड, एक हार्ड डिस्क और व्हाट्सएप चैट बरामद किया है, जो ठगी से जुड़े सबूत माने जा रहे हैं।
ऐसे की गई थी ठगी
तिलकामांझी विश्वविद्यालय भागलपुर के वनस्पति शास्त्र विभाग से सेवानिवृत्त प्रोफेसर, जो वर्तमान में रांची के बूटी मोड़ क्षेत्र में रहते हैं, ने 14 मई को साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें सीबीआई, एनसीबी और एनआईए जैसे केंद्रीय एजेंसियों का अधिकारी बताकर व्हाट्सएप वीडियो कॉल किया। वीडियो कॉल में सरकारी वर्दी पहने लोगों की क्लिप दिखाकर उन्हें 300 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने की धमकी दी गई।
मानसिक दबाव बनाकर पीड़ित से उनके बैंक खाते का सत्यापन कराने के बहाने ₹49,98,888 रुपये की ठगी कर ली गई।
अहम बैंक खाता और कार्रवाई
जांच में सामने आया कि आरोपी रवि गोधनिया के नाम पर इंडियन बैंक के खाता संख्या 20307033166 में यह राशि जमा कराई गई थी। इस खाते में एक ही दिन में ₹79 लाख से अधिक की राशि जमा हुई थी, जिसे अन्य खातों में भेजने की तैयारी थी। इसी खाते के खिलाफ बेंगलुरु में भी 12 जुलाई 2025 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
रांची पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उक्त खाते को फ्रीज करा दिया है, जिससे ठगी की राशि को आगे ट्रांसफर होने से रोका जा सका।
साइबर अपराधियों की चालबाज़ी
साइबर अपराधी सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बनकर पहले पीड़ित को डरा-धमका कर वीडियो कॉल करते हैं। कॉल के दौरान सरकारी वर्दी पहने नकली अफसरों का वीडियो दिखाते हैं, जिससे पीड़ित भ्रमित होकर ठगों की बातों में आ जाता है।
पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।
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