झारखंड में बालू की कमी को लेकर दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को लिखा पत्र

झारखंड में बालू की कमी को लेकर दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को लिखा पत्र

रांची. भाजपा सांसद दीपक प्रकाश ने झारखंड में बालू की कमी को लेकर मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को पत्र लिखा। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि झारखंड में बालू की किल्लत है और इसकी कालाबाजारी हो रही है। राज्य में सिर्फ 21 बालू घाट चालू है। बाकी सभी बन्द है। बालू की अवैध ढुलाई हो रही है और अवैध ढुलाई के दौरान अवैध वसूली की जा रही है। इसके कारण राज्य में बालू की कीमत आसमान छू रही है। वहीं राज्य सरकार के राजस्व को भी नुकसान हो रहा है।

दीपक प्रकाश ने पत्र के माध्यम से कालाबाजारी के कारण बालू की आसमान छूती कीमतों पर ध्यान आकर्षित कराते हुए लिखा है कि रांची में एक हाइवा बालू 18 हजार रुपये में मिलता था, लेकिन ब्लैक बालू आज 40 हजार से 50 हजार रुपये में मिल रहा। वहीं, अब प्रति टर्बो बालू की कीमत 6500 से 7500 रुपये हो गई है, जो पहले तीन हजार रुपये थी। वह भी कठिन परिस्थितियों के बाद मिलता है।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि यह विडंबना है कि जिस राज्य में हर कुछ किलोमीटर की दूरी पर नदी है, वहीं के लोग एक मुट्ठी बालू के लिए तरस रहे हैं। बालू नहीं मिलने के कारण राज्य में निर्माण कार्य ठप है। राज्य के संवेदक अपना काम रोक दिए हैं। राज्य में प्रधानमंत्री आवास हो या फिर अबुआ आवास हो सभी काम रुक गए हैं। रांची नगर निगम में ही 216 सड़क, कलवर्ट एवं नाले जैसी परियोजनाओं पर काम चल रहा था, जिसे बालू की किल्लत के कारण रोक दिया गया हैं।

उन्होंने कहा है कि आम लोग भी घरों में सामान्य निर्माण कार्य करने से बच रहे हैं। निर्माण क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों को काम भी नहीं मिल रहा है। राज्य में निर्माण क्षेत्र में लगभग आठ लाख लोग काम करते हैं। इनमें से एक लाख लोग राजधानी रांची और आसपास के क्षेत्रों में काम करते हैं। इन कर्मचारियों को अब रोजगार का संकट है और वे भुखमरी के कगार पर हैं। काम के अभाव में ये दूसरे राज्यो में पलायन करने के लिये मजबूर हैं।

दीपक प्रकाश ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस समस्या के समाधान की दिशा में अविलंब कदम उठाएं और राज्य में बालू की कमी के कारण उत्पन्न हो रहे बेरोजगारी, पलायन और राजस्व में हो रही कमी को रोकथाम की जाए।

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