रांची: भारत सरकार द्वारा आयोजित “स्टार्टअप्स महाकुंभ” देश का सबसे बड़ा स्टार्टअप इवेंट है, जहां 50 से अधिक देशों के निवेशक, 1000+ वेंचर कैपिटलिस्ट्स, एंजेल फंडर्स और सरकारी अधिकारी भाग लेते हैं। इस मंच पर स्टार्टअप्स को अपने नवाचारों और परियोजनाओं को प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है, जिससे उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान के साथ-साथ निवेश भी प्राप्त हो सकता है। इस मामले में रथिन भद्रा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंडियन स्टार्टअप एसोसिएशन द्वारा मीडिया को जानकारी दी गई है। रथिन भद्रा के द्वारा मामले में जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार इंडियन स्टार्टअप एसोसिएशन और एसोचैम (ASSOCHAM) ने झारखंड सरकार को कई बार अनुरोध पत्र भेजे, ताकि राज्य के स्टार्टअप्स को स्टार्टअप महाकुंभ में भाग लेने का अवसर दिया जाए। एसोसिएशन ने सरकार से आग्रह किया कि वह झारखंड के लिए स्टार्टअप पवेलियन स्थापित करे और कम से कम 15 से 40 स्टार्टअप्स को इस आयोजन में भाग लेने की अनुमति दे।
लेकिन सरकार ने इसे पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया। स्टार्टअप प्रतिनिधियों को भेजने के बजाय, IAS अधिकारियों को इस कार्यक्रम में भेजने का निर्णय लिया गया, जिससे झारखंड के स्टार्टअप इकोसिस्टम को भारी नुकसान होगा।
स्टार्टअप्स के लिए बड़े अवसर गवां दिए झारखंड ने
यदि झारखंड सरकार ने इस आयोजन में भागीदारी सुनिश्चित की होती, तो राज्य के स्टार्टअप्स को निम्नलिखित लाभ मिल सकते थे:
✅ निवेशकों से जुड़ाव: वेंचर कैपिटलिस्ट्स और एंजेल फंडर्स स्टार्टअप्स को फंडिंग देने के लिए इस कार्यक्रम में आते हैं।
✅ सरकारी योजनाओं में अवसर: केंद्र और अन्य राज्य सरकारें उभरते स्टार्टअप्स को पहचानकर उन्हें सरकारी योजनाओं में शामिल करती हैं।
✅ ब्रांडिंग और नेटवर्किंग: स्टार्टअप्स को अपने उत्पादों और सेवाओं को बड़े प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है।
✅ अन्य राज्यों से सीखने का मौका: अन्य राज्यों के स्टार्टअप्स के अनुभवों से सीखकर झारखंड के उद्यमियों को नई प्रेरणा और मार्गदर्शन मिल सकता था।
झारखंड सरकार से अपील
इंडियन स्टार्टअप एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रथिन भद्रा ने 24 फरवरी 2025 को झारखंड सरकार को एक आधिकारिक पत्र भेजकर मांग की कि स्टार्टअप्स के लिए भी वैसी ही वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाए, जैसी अन्य संगठनों को दी जाती है।
उन्होंने कहा कि “अगर राज्य सरकार खेल आयोजनों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों और टीमों का पूरा खर्च उठा सकती है, तो झारखंड के स्टार्टअप्स को भी इस तरह की सहायता क्यों नहीं दी जा रही?”
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह झारखंड के स्टार्टअप्स को वह मंच प्रदान करे, जिसके वे हकदार हैं। यह कदम न केवल झारखंड के स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूती देगा, बल्कि राज्य के आर्थिक और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा देगा।