रांची : झारखंड सरकार ने राज्य के विद्यार्थियों को दिशोम गुरु शिबू सोरेन के संघर्ष और योगदान से परिचित कराने की पहल की है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने उनके जीवन और समाज सुधार में किए गए प्रयासों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बुधवार को विभागीय सचिव उमाशंकर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने वाले शैक्षणिक कंटेंट पर चर्चा की गई। निर्णय लिया गया कि शिबू सोरेन की जीवनी कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक की अलग-अलग कक्षाओं की पुस्तकों में शामिल की जाएगी। हिंदी, अंग्रेजी, सामाजिक अध्ययन और पर्यावरण विज्ञान विषयों में उनके जीवन और योगदान पर अलग-अलग अध्याय तैयार होंगे।
शिक्षा सचिव ने निर्देश दिया है कि 31 अगस्त तक ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे दिया जाए। इसके बाद अगली शैक्षणिक सत्र के लिए प्रिंट होने वाली किताबों में इसे शामिल कर दिया जाएगा।