Wednesday, August 13, 2025

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डॉ. मेघा रानी को ‘राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार 2025’ से किया जाएगा सम्मानित

Desk. स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर 15 अगस्त 2025 को नई दिल्ली स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में “राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार 2025” का भव्य आयोजन संपन्न होगा। इस गरिमामयी समारोह का आयोजन प्रतिष्ठित YSS फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है, जो हर वर्ष देश के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करता है।

इस वर्ष पुरस्कार चयन प्रक्रिया अत्यंत निष्पक्ष और पारदर्शी रही। इसका नेतृत्व सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों की उच्चस्तरीय समिति ने किया, जिनकी देखरेख में देशभर से 100 विशिष्ट व्यक्तित्वों का चयन किया गया। चयनित व्यक्तियों ने समाजसेवा, शिक्षा, चिकित्सा, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, साहित्य, संस्कृति और ग्रामीण विकास जैसे विविध क्षेत्रों में अनुकरणीय योगदान दिया है। कार्यक्रम में विशेष रूप से वीरांगनाओं को भी सम्मानित किया जाएगा।

रांची, झारखंड की लेखिका डॉ. मेघा रानी को इस वर्ष उनके साहित्यिक एवं सामाजिक योगदान के लिए “राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार 2025” से सम्मानित किया जाएगा। डॉ. मेघा रानी पिछले सात वर्षों से साहित्य के माध्यम से समाज में जागरूकता और मानवीय संवेदनाओं को सशक्त रूप में प्रस्तुत कर रही हैं। उनका लेखन नारी विमर्श, सामाजिक यथार्थ, और कृष्ण भक्ति जैसे विषयों को समर्पित रहा है।

उनकी चर्चित रचनाओं में “शाश्वत सृजन”, “श्रीकृष्ण लीला” (को-राइटर), “अस्तित्व: एक नारी का” शामिल हैं। विशेष रूप से “श्रीकृष्ण लीला” को इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और OMG बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान प्राप्त हुआ है, जो उनके लेखन की वैश्विक मान्यता का प्रतीक है।

अब तक प्राप्त प्रमुख सम्मान

  • मानद डॉक्टरेट उपाधि – WHRPC (भारत सरकार के कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त)
  • Stree One India Engaging Literature Award 2022
  • International Education Awards 2022
  • Indian Icon Awards 2023 – MTTV India
  • International Golden Leadership Award 2023
  • अंतरराष्ट्रीय साहित्य सम्मान 2023
  • Jharkhand Icon Awards 2023
  • Story Line India Achievers Award 2024
  • India National Award 2024 – Police Public Reporter

इसके अतिरिक्त, उन्हें “नारी सम्मान”, “विश्व रत्न सम्मान”, और “राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पुरस्कार” जैसे कई अन्य प्रतिष्ठित अलंकरण भी प्राप्त हो चुके हैं।

लेखन यात्रा: संघर्ष से सृजन तक

डॉ. मेघा रानी की लेखनी की शुरुआत एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना के बाद हुई, जिसने उनके जीवन की दिशा को पूरी तरह बदल दिया। उस विपत्ति को उन्होंने अपनी प्रेरणा बना लिया और लेखन को एक साधना के रूप में अपनाया। कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी अभिव्यक्ति और भी प्रगाढ़ हुई, और उन्होंने लेखन को समाज के प्रति उत्तरदायित्व का माध्यम बनाया। वे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं से जुड़ी रही हैं, और उनके लेख नेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किए जा चुके हैं।

बधाइयां और शुभकामनाएं

युवा सामाजिक कार्यकर्ता अनिल अमिताभ पन्ना ने डॉ. मेघा रानी को बधाई देते हुए कहा कि “यह झारखंड के लिए अत्यंत गौरव का विषय है। डॉ. मेघा रानी की लेखनी नारी सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय और आध्यात्मिक चेतना को एक नई दिशा देती है। उनका यह सम्मान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा।”

YSS फाउंडेशन के अध्यक्ष कमल चौधरी ने कहा, “हमारा उद्देश्य उन गुमनाम नायकों को मंच देना है जो बिना किसी प्रचार के निरंतर समाज सेवा और रचनात्मक योगदान में लगे हैं। इस वर्ष की चयन प्रक्रिया सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों के मार्गदर्शन में संपन्न हुई, जिससे पुरस्कार की गरिमा और विश्वसनीयता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।”

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