प्रयागराज : महाकुंभ में भगदड़ हादसे के बाद भी श्रद्धा की लहरों से गतिमान है संगम, 10 बजे तक 66.72 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी। महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या पर पुण्य स्नान के समय बीते मंगलवार और बुधवार के मध्य की रात हुए हादसे के बाद से अचानक से संगम क्षेत्र के खाली होने एवं श्रद्धालुओं के संगम पहुंचने के क्रम के थमने की आशंकाएं अब निर्मूल हो चली हैं।
हादसे के बाद भी गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के संगम त्रिवेणी क्षेत्र निरंतर श्रद्धा की लहरों से गतिमान बना हुआ है। आलम यह है कि हादसे के तीसरे दिन आज शुक्रवार सुबह 10 बजे तक कुल 66.72 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई।
महाकुंभ 2025 में अब तक 30.3 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
महाकुंभ 2025 के शुक्रवार को जारी श्रद्धालुओं के स्नान वाली गणना के अपडेट के मुताबिक, पौष पूर्णिमा से शुरू हुए महाकुंभ 2025 के स्नान पर्व के क्रम में शुक्रवार सुबह 10 बजे तक कुल 30.3 करोड़ 72 लाख श्रद्धालुओं ने संगम त्रिवेणी में पावन डुबकी लगा ली है।
इसके अलावा अकेले शुक्रवार को संगम क्षेत्र में महाकुंभ 2025 में भाग लेने को 56.72 लाख नए श्रद्धालु – तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं। साथ ही अकेले 10 लाख से भी अधिक कल्पवासी संगम त्रिवेणी की रेती पर विराजित हैं। इसकी पुष्टि शुक्रवार को महाकुंभ मेला प्रबंधन और यूपी सरकार ने की है। इससे पहले शुक्रवार सुबह 8 बजे तक कुल 29.97 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम त्रिवेणी में पावन डुबकी लगा ली थी।
वसंत पंचमी को लेकर मेला क्षेत्र में मेडिकल फोर्स सक्रिय
वसंत पंचमी के स्नान पर्व को ध्यान में रखते हुए महाकुंभ नगर में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर किया जा रहा है। CM Yogi आदित्यनाथ के निर्देश पर बृहस्पतिवार से मेडिकल फोर्स मेला क्षेत्र में सक्रिय हो गई है। 360 बेड की क्षमता वाले 23 अस्पताल श्रद्धालुओं की देखभाल के लिए तैयार किए गए हैं।
इनकी व्यवस्थाओं को जांचने के लिए स्पेशल मेडिकल टीम ने संपूर्ण मेला क्षेत्र में व्यवस्थाओं का जायजा ले रही है। टीम में चिकित्सा व्यवस्था के नोडल उमाकांत सान्याल, केंद्रीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज कौशिक, सह नोडल चिकित्सा व्यवस्था डॉ. राम सिंह और महाकुंभ मेला के नोडल चिकित्सा स्थापना डॉ. गौरव दुबे शामिल हैं।
अधिशासी अभियंता ने बताया कि मेला प्रशासन ने पहले इसके लिए एक रुपये का शुल्क लगाया था, पर अब यह पूरी तरह मुफ्त है। वाटर एटीएम पर ऑपरेटर बैठते हैं, जो श्रद्धालुओं के कहने पर बटन दबाकर शुद्ध जल उपलब्ध करा रहे हैं। इनकी सेंसर के माध्यम से निगरानी भी होती है।