झारखंड चुनाव: ‘गुप्त राजा’ बनने की राह में हर दल बेचैन!

झारखंड चुनाव: ‘गुप्त राजा’ बनने की राह में हर दल बेचैन!

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव का समर खत्म हो चुका है, लेकिन सियासी गलियारों में बेचैनी का मौसम अभी भी ‘मौसम विभाग’ की तरह अनिश्चित है। वोटिंग तो हो गई, मगर जनता ने ऐसा खेल दिखाया है कि गठबंधन हो या विपक्ष, सबकी सासें अटकी हुई हैं। 15 सीटों पर ऐसी कांटे की टक्कर है कि राजनीतिक पंडित भी ‘समीकरण’ के नाम पर बस सिर खुजला रहे हैं।

हटिया: यहां कुर्सी पर ‘कुश्ती’ जारी

हटिया विधानसभा सीट का चुनावी घमासान देखते ही बनता है। कांग्रेस के अजयनाथ शाहदेव और भाजपा के नवीन जायसवाल के बीच मुकाबला इतना तगड़ा है, जैसे WWE के रिंग में दो फाइनलिस्ट भिड़ गए हों। निर्दलीय भरत कांशी की एंट्री ने इस सीट को ‘तीन कोणीय घमासान’ में बदल दिया है। यहां हर दल को लगता है कि जनता ने उनके पक्ष में बटन दबाया है, लेकिन सच्चाई सिर्फ EVM जानती है।

जमशेदपुर पश्चिम: बन्ना और सरयू का ‘सुपरहिट शो’

जमशेदपुर पश्चिम सीट पर कांग्रेस के बन्ना गुप्ता और जदयू के सरयू राय ने पूरे चुनाव को ‘रणभूमि’ में बदल दिया। बन्ना अल्पसंख्यक वोटों की गोलबंदी पर दांव लगा रहे हैं, तो सरयू ने भाजपा के खेमे से नाराज वोटों को अपनी ओर खींचने की चाल चली। यहां का नतीजा पूरे कोल्हान क्षेत्र की राजनीति का भविष्य तय करेगा।

डुमरी: बेबी देवी बनाम जयराम, ‘महतो इज बैक’

डुमरी सीट पर झामुमो की बेबी देवी और जयराम महतो के बीच का मुकाबला किसी ब्लॉकबस्टर मूवी की तरह है। स्वर्गीय जगरनाथ महतो की इस सीट पर झामुमो की पकड़ मजबूत मानी जा रही थी, लेकिन जयराम महतो की पार्टी ने मैदान में उतरकर समीकरण में नया ट्विस्ट ला दिया। इस सीट पर आजसू से यशोदा देवी भी कड़ी टक्कर दे रही हैं। यहां का परिणाम संताल परगना की राजनीति का ग्राफ बदल सकता है।

चंदनकियारी: बाउरी और उमाकांत की ‘खिचड़ी’

चंदनकियारी सीट भाजपा के लिए नाक की लड़ाई बन गई है। यहां अमर बाउरी और उमाकांत रजक के बीच ऐसा संघर्ष है कि हार-जीत का अंतर बहुत कम रहने वाला है। इस सीट पर भाजपा को भरोसा है कि जेकेएलएम के वोटकटवा प्रदर्शन का फायदा उसे मिलेगा।

जामताड़ा: ‘सीता’ की एंट्री और बढ़ा बवाल

जामताड़ा में झामुमो और भाजपा के बीच सीधी टक्कर थी, लेकिन सीता सोरेन की एंट्री ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यह सीट इंडिया गठबंधन की उम्मीदों के लिए ‘लिटमस टेस्ट’ बन चुकी है।

बोकारो: कम वोटिंग, ज्यादा तनाव

बोकारो विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम वोटिंग हुई है, लेकिन भाजपा के बिरंची नारायण और कांग्रेस की वेता सिंह के बीच ऐसा संघर्ष है कि यह सीट दोनों पार्टियों के लिए ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ बन गई है।

महगामा: कांग्रेस और भाजपा में ‘सियासी कुश्ती’

महगामा सीट भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए राजनीतिक ग्राफ को ऊपर-नीचे करने का सेंटर बन चुकी है। यहां अशोक कुमार और दीपिका पांडेय सिंह के बीच मुकाबला ऐसा है, जैसे किसी कुश्ती मुकाबले का फाइनल चल रहा हो।

विश्रामपुर और भवनाथपुर: राजद-भाजपा और निर्दलीयों का ‘मिनी IPL’

विश्रामपुर में राजद और भाजपा के बीच जोरदार भिड़ंत है, जबकि निर्दलीय जागृति दुबे ने समीकरण को और उलझा दिया है। वहीं, भवनाथपुर में झामुमो और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला है। यहां जनता के फैसले ने नेताओं के माथे पर बल डाल दिए हैं।

फुर्सत के पल: ‘तेल मालिश और मिठाई का दौर’

चुनावी सरगर्मी खत्म होने के बाद नेता अपनी थकान मिटाने में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने आवास पर धूप सेंकते नजर आए, तो उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने उनके बालों में तेल मालिश कर आराम दिलाया। उधर, भाजपा प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली लौटने से पहले बाबूलाल मरांडी का मुंह मीठा कराया।

निष्कर्ष: जनता बनी ‘द ग्रेट डिक्टेटर’

झारखंड में जनता ने इस बार ऐसा पेंच फंसा दिया है कि राजनीतिक दलों को समझ ही नहीं आ रहा कि सत्ता की कुर्सी के लिए कौन सी सीढ़ी सही है। 15 सीटों पर जो भी बाजी मारेगा, वही राज्य की राजनीति का ‘किंगमेकर’ बनेगा। अब नेताओं की रातों की नींद EVM के फैसले पर टिकी है।

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