अक्टूबर से बदलाव के साथ शुरू हो गई रोजमर्रा की जिंदगी, अगर नियम का नहीं किया पालन तो होगा बहुत बड़ा नुकसान!

रांचीः अक्टूबर का महीना चल रहा है. इस बार अक्टूबर महीना अपने साथ कुछ बदलाव लेकर आया है. ऐसे बदलाव जो आपकी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी हुई है. वो बदलाव जिससे लोगों की जेब पर असर पड़ने लगा है. साथ ही इन बदले हुए नियमों का पालन नहीं किया तो नुकसान होगा. जानिए 1 अक्टूबर में क्या-क्या बड़े बदलाव हुए हैं. जिसका असर लोगों पर देखने को मिल सकता है.

कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर का दाम बढ़ा

बदलाव में सबसे पहले बात एलपीजी सिंलेंडर से जुड़ी है. पेट्रोलियम कंपनी ने अक्टूबर में सबसे बड़ा एलपीजी सिलेंडर को लेकर किया है. कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम बढ़ गए हैं. इसमें 209 रुपए का इजाफा हुआ है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 209 रुपए की बढ़ोतरी की है. कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने से रेस्तरां, होटल चलाने वालों की जेब ढीली पड़ने लगी है.

होटल और रेस्टोरेंट में खाना-पीना हो गया महंगा

अक्टूबर में जो दूसरी सबसे बड़ी बात बदली है. वो है आम लोगों की जेब खर्च. राहत ये जरूर है कि घरेलु गैस के दाम नहीं बढ़े हैं. लेकिन जिस तरह से दूसरी कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम बढ़े हैं. उसका असर आम लोगों पर ही पड़ने वाला है. कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में इजाफे का असर आम आदमी की जेब पर जरूर पड़ेगा. क्योंकि इससे होटल और रेस्टोरेंट में खाना-पीना महंगा हो गया है. दरअसल होटल रेस्तरां में में व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए कमर्शियल गैस सिलेंडर का ही उपयोग किया जाता है.

स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर ब्याज दर बढ़ गया

स्मॉल सेविंग सकीम्स में शामिल 5 साल की रेकरिंग डिपॉजिट पर ब्याज दर में 0.2 फीसदी की बढ़ोतरी 1 अक्टूबर से लागू हो Recurring Deposit (RD) पर ब्याज दर को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया गया है. बीते 29 सितंबर को सरकार ने इस मिलने वाली ब्याज दर में बढ़ोतरी का फैसला किया था. एक साल के लिए टाइम डिपॉजिट पर 6.9 फीसदी, दो साल के लिए टाइम डिपॉजिट पर 7 फीसदी, 3 साल की टाइम डिपॉजिट पर 7 फीसदी और 5 साल के टीडी पर 7.5 फीसदी ब्याज मिलता रहेगा

बर्थ सर्टिफिकेट बन गया है सिंगल डॉक्यूमेंट

1 अक्टूबर से तीसरा जो सबसे बड़ा बदलाव हुआ है. वो बर्थ सर्टिफिकेट से जुड़ी हुई है. देशभर में बर्थ सर्टिफिकेट अब सिंगल डॉक्यूमेंट बन गया है. यानि कि अब ज्यादातर जगहों पर अब आप किसी दूसरे डॉक्यूमेंट की जगह महज बर्थ सर्टिफिकेट देने से ही कम हो सकता है और ये बिल्कुल उसी तरह से मान्य होगा, जैसे की आधार कार्ड होता है. बदलाव के साथ अब बर्थ एंड डेथ रजिस्ट्रेशन एक्ट, 2023 अक्टूबर की पहली तारीख से लागू हो गया है. इसलिए अब बर्थ सर्टिफिकेट किसी भी एजुकेशन इंस्टीट्यूशन में एडमिशन लेने के लिए, नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए, वोटर आईडी, आधार कार्ड, मैरिज रजिस्ट्रेशन या फिर सरकारी नौकरी में नियुक्ति की तैयारी के लिए सिंगल डॉक्यूमेंट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.

बिना आधार कार्ड के स्मॉल सेविंग स्कीम में निवेश नहीं

अक्टूबर से बड़ा बदलाव स्मॉल सेविंग स्कीम से भी जुड़ी है. यानि कि अब स्मॉल सेविंग स्कीम में निवेश करने के लिए आधार कार्ड जरूरी कर दिया गया है. पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम जैसी छोटी बचत योजनाओं में आधार की जानकारी देना अब जरूरी कर दिया गया है. अगर इस नियमों का पालन नहीं होता है, तो इस तरह के खाते को फ्रीज कर दिया जाएगा और आधार की जानकारी देने के बाद ही इसे दोबारा शुरू किया जाएगा. ऐसे में तब तक फ्रीज खाते पर आपको ब्याज दर और निवेश का लाभ नहीं मिल पाएगा.

रिपोर्टः शेखर

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