रांची: सिल्ली क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को चिंता का सामना करना पड़ रहा है। वर्षा की कमी से उन्हें खेती करने में बड़ी परेशानी हो रही है, जबकि धान के सपने अधूरे ही रह जाएंगे।
खेतों में पानी की कमी के कारण हालात खराब हो रहे हैं। अधिकांश खेतों में धान की बोनी पूरी होनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक केवल निचले हिस्से के लगभग 10 प्रतिशत खेतों में ही यह काम हो पाया है।
किसान अब दो-तीन सप्ताह तक वर्षा की उम्मीद कर रहे हैं, अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें सूखे का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कर्ज लिया है बीज खरीदने के लिए, जो खेती के न होने के कारण उनके लिए विशेष चुनौती हो सकता है।
बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव वाले क्षेत्र के बनने से, अब मानसून की गतिविधियों में तेजी की उम्मीद रखा जा सकता हैं। इसका परिणामस्वरूप, झारखंड के कई जिलों में 28 जुलाई से एक अगस्त तक अच्छी बारिश की उम्मीद है। रांची और दक्षिणी भाग में 31 जुलाई व एक अगस्त को भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से दक्षिणी ओडिशा होते हुए आंध्र प्रदेश की ओर चल रहे साइक्लोनिक सर्कुलेशन कमजोर पड़ गया है, लेकिन झारखंड में 28 जुलाई से मानसून की फिर से सक्रियता की संभावना है।