पटना. गन्ना उद्योग विभाग ने आज मुख्यमंत्री गन्ना विकास एवं यंत्रीकरण योजना के तहत राज्य की विभिन्न चीनी मिल क्षेत्रों में एक दिवसीय किसान प्रशिक्षण, मेला एवं शिविर सह गोष्ठी आयोजित की। इन आयोजनों में किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों, वैज्ञानिक तकनीकों और विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई।
लौरिया चीनी मिल क्षेत्र( पश्चिम चंपारण ) में संयुक्त ईख आयुक्त, जय प्रकाश नारायण सिंह ने किसानों को प्रशिक्षित करते हुए मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना एवं यंत्रीकरण योजना के लाभों से अवगत कराया। यहाँ किसानों को वैज्ञानिक खेती, उन्नत गन्ना बीज, खूंटी प्रबंधन, सहफसली खेती, आधार पौधशाला, बड-चिप, कीटनाशक वितरण एवं ईख मित्र ऐप से मिलने वाले लाभों की विस्तृत जानकारी दी गई।
सिधवलिया चीनी मिल(गोपालगंज) में आयोजित एक दिवसीय शिविर सह प्रशिक्षण में विभाग की उप सचिव श्रीमती पूनम कुमारी ने किसानों को यंत्र चयन और विद्युत कनेक्शन से जुड़ी जानकारी दी। इस शिविर में राज्य के विभिन्न सुगर मिल क्षेत्रों से आए लगभग 200 से अधिक किसानों और यंत्र क्रेताओं ने भाग लिया। शिविर के दौरान 2 यंत्रों का उठाव भी किया गया।
सुगौली चीनी मिल क्षेत्र (पूर्वी चंपारण) के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में किसानों को बताया गया कि मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना और ईख मित्र ऐप से वे किस प्रकार लाभान्वित हो सकते हैं। प्रशिक्षण में गन्ना खेती में कीट प्रबंधन, फसल सुरक्षा, कम लागत में अधिक पैदावार की तकनीक और शरदकालीन गन्ना बुवाई के महत्त्व पर विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही दवा का स्प्रे, मशीनरीकरण से खेती, एग्री-इनपुट का प्रयोग, बोरिंग और विद्युत कनेक्शन, मोटर पंप का उपयोग, भूमि उपचार एवं ट्रेंच विधि से 4 फीट की दूरी पर बुवाई करने जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
मझौलिया सुगर इंडस्ट्रीज (पश्चिम चंपारण) में आयोजित प्रशिक्षण में किसानों को कृषि यंत्र, प्रमाणित गन्ना बीज, बड-चिप व सिंगल बड विधि, सहफसली खेती के लिए मसूर, सरसों व धनिया जैसी फसलों पर 50 प्रतिशत अनुदान की सुविधा तथा इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई।
हरिनगर चीनी मिल (पश्चिम चम्पारण) में हुए कार्यक्रम में किसानों को यंत्रीकरण, उन्नत गन्ना बीज, सहफसली खेती और एस.टी.पी. विधि जैसी वैज्ञानिक तकनीकों से अवगत कराया गया।
नरकटियागंज चीनी मिल (पश्चिम चंपारण) में आयोजित किसान मेला एवं गोष्ठी में सरकार द्वारा सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जा रहे कृषि यंत्रों की जानकारी दी गई। किसानों को बताया गया कि वे 15 सितम्बर तक चयनित डीलरों से अपने यंत्र प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि मशीनों के प्रयोग से गन्ने की पैदावार प्रति एकड़ 500 क्विंटल तक की जा सकती है, लागत घटाई जा सकती है और मजदूरों पर निर्भरता कम होगी।
हसनपुर चीनी मिल परिसर (समस्तीपुर ) में पटना से आए सहायक ईखायुक्त वेदव्रत कुमार ने किसानों को खेत की मिट्टी जाँच करवाने की सलाह दी और “ईख मित्र” ऐप डाउनलोड कर आधुनिक तकनीक व सरकारी योजनाओं की जानकारी लेने की अपील की।
गन्ना उद्योग विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उद्देश्य किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन की दिशा में प्रशिक्षित करना, आधुनिक मशीनों से जोड़ना तथा गन्ना खेती को लाभकारी बनाने के लिए योजनाओं के अधिकतम लाभ तक पहुँच सुनिश्चित करना है।




































