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PATNA: भीड़ से हो रही थी फायरिंग तो क्या कर रही थी पुलिस ?

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PATNA : PATNA में मूर्ति विसर्जन जुलूस में हुई फायरिंग को लेकर पुलिस के हाथ अबतक खाली है. अपराधियों की पहचान के लिए पुलिस छापेमारी और सीसीटीवी फूटेज को खंगालने में जुटी है लेकिन अबतक सफलता हाथ नहीं लगी है. ये घटनाक्रम जितना परेशान करने वाला है उतना ही हैरान करने वाली है पुलिस की भूमिका. शुक्रवार की शाम मां सरस्वती की प्रतिमा के विसर्जन जुलूस के दौरान हुई फायरिंग में एक छात्र की मौत हो गई. घटना गाँधी मैदान थाना क्षेत्र के कारगिल चौक की है. मृतक छात्र का नाम धीरज कुमार बताया जाता है, जो मूल रूप से जहानाबाद का रहने वाला था. धीरज की उम्र 23 साल थी.

PATNA: जुलूस में फायरिंग के बाद सवालों के घेरे में पटना पुलिस


सरस्वती पूजा की समाप्ति पर पटना विश्वविद्यालय से छात्रों ने विसर्जन जुलूस निकाला. दिनकर गोलंबर के पास पहंचते ही भीड़ के बीच से फायरिंग शुरू हो गई. हैरानी की बात ये है कि ये सबकुछ पुलिस की मौजूदगी में हो रहा था. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जुलूस आगे बढ़ रहा था और फायरिंग भी हो रही थी. कारगिल चौक से आगे एसपी ऑफिस के पास फायरिंग के दौरान एक छात्र धीरज कुमार को गोली लग गई. उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई . इसके बाद वहां अफरा-तफरी मच गई.
पुलिस अब अपराधियों की तलाश में जुटी है लेकिन इस सवाल का जवाब देने में असमर्थ दिख रही है कि जुलूस में हो रही फायरिंग को रोकने की कोशिश क्यों नहीं की गई.

‘अबतक अपराधियों की पहचान भी नहीं कर पाई पुलिस’

पुलिस अधिकारियों ने माना कि भीड़ से फायरिंग हुई. अब ये सवाल उठ रहा है कि जुलूस के दौरान सुरक्षा में तैनात सिटी एसपी, डीएसपी और पुलिस इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी आखिर कर क्या रहे थे.

इस घटना बाद से पटना विश्वविद्यालय के छात्रावासों में रहने वाले छात्रों को लेकर भी फिर से सवाल उठने शुरू हो गए हैं. पहले भी इस तरह के आरोप लगते रहे हैं कि पटना विश्वविद्यालय के छात्रावासों में अवैध तरीके से असामाजिक तत्वों का कब्जा है. इन लोगों को पुलिस का भी खौफ नहीं है और ये लोग आए दिन आपराधिक वारदातों को अंजाम भी देते रहते हैं.

report: chandan

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