रांची: झारखंड के हजारीबाग में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा और रांची के कांके क्षेत्र में अनिल टाइगर की हत्या को लेकर राज्य की राजनीति गरमा गई है। बड़कागांव की पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने इन घटनाओं को लेकर भाजपा पर सीधा हमला बोला और कहा कि यह सब एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया कि हर साल त्योहारों के दौरान सांप्रदायिक तनाव पैदा कर बीजेपी राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है।
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बीजेपी पर साजिश रचने का आरोप
अंबा प्रसाद ने कहा, “हर बार रामनवमी के दौरान इसी तरह के मामले सामने आते हैं, जिससे साफ होता है कि बीजेपी इसका राजनीतिक फायदा उठाने के लिए इसे योजनाबद्ध तरीके से करवा रही है। जहां भी हिंदू-मुस्लिम के नाम पर तनाव भड़काने की कोशिश होती है, वहां सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को ही होता है। यह इनका एजेंडा और प्रोपेगेंडा है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी खुद उपद्रवियों को बढ़ावा देती है और माहौल खराब करने का काम करती है। अंबा प्रसाद ने कहा कि झारखंड जैसे विविधता भरे राज्य में इस तरह की घटनाएं राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा हैं और लोगों को इससे सतर्क रहने की जरूरत है।
रांची में अनिल टाइगर की हत्या पर उठाए सवाल
रांची के कांके इलाके में हुई अनिल टाइगर की हत्या पर भी अंबा प्रसाद ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राज्य में अपराध बढ़ रहे हैं, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन को और सख्ती बरतने की जरूरत है ताकि अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़कर सजा दी जा सके।
उन्होंने कहा, “जो घटनाएं हो रही हैं, वे गलत हैं और निश्चित रूप से लॉ एंड ऑर्डर का सवाल उठता है। अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और ऐसे अधिकारियों को तैनात करना चाहिए जो अपराध नियंत्रण को लेकर गंभीर हों।”
सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग
पूर्व विधायक ने साफ कहा कि झारखंड सरकार इन मामलों में कोई ढील नहीं बरतेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि उन्होंने हजारीबाग एसपी से बात की, जिन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह घटना राजनीतिक षड्यंत्र के तहत रची गई थी।
अंबा प्रसाद ने आगे कहा, “हमारी सरकार सुनिश्चित करेगी कि किसी भी धार्मिक त्योहार के दौरान कोई उपद्रव न हो और अगर कोई सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करेगा तो उस पर कठोर कार्रवाई होगी।”
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार में झारखंड से जुड़े सांसद संसद में बैठते हैं, लेकिन कभी भी राज्य की बेहतरी के लिए कोई ठोस नीति नहीं लाते। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेता झारखंड की जनता के विकास की बजाय सिर्फ सांप्रदायिकता को बढ़ावा देकर अपना राजनीतिक अस्तित्व बनाए रखना चाहते हैं।