जमशेदपुरः पीएम आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत बिरसानगर में तैयार हो रही हाउसिंग सोसाईटी में बन रहे फ्लैट्स में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. झारखंड प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने रविवार को औचक निरीक्षण करते हुए अनियमितता और भ्रष्टाचार को उजागर किया. जमशेदपुर में किफायती आवास परियोजना जी+8 संरचना के अनुरूप 32 ब्लॉक में 9592 आवास का निर्माण किया जाना है. जिसमें अबतक 7372 आवास का निर्माण शुरू किया जा चुका है.
जानकारी के अनुसार प्रथम चरण में 3836 दूसरे चरण में 834 लाभुकों और तीसरे चरण में 696 लाभुकों को लॉटरी के माध्यम से आवास आवंटन की दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है. वहीं आवास (फ्लैट) का निर्माण कार्य भी जोर-शोर से चल रहा है. इनमें से कुछ को दीपावली तक गृह प्रवेश कराने का लक्ष्य स्थानीय प्रशासन ने तय किया था. लेकिन अब इस योजना में गड़बड़ी और भारी अनियमितता सामने आयी हैं.
लाभुकों से मिली शिकायत पर कुणाल षाडंगी ने किया औचक निरीक्षण
केंद्र सरकार की इस योजना का उद्देश्य शहरी गरीबों के आवासीय आवश्यकता को पूरा करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक यह योजना गरीबों को अपना मकान दिलाने के लिए लक्षित है. वैसे लाभुक जिन्हें लॉटरी में आवास आवंटित हो चुकी है, वे लगातार निर्माण की गुणवत्ता पर शिकायत कर रहे थें. लाभुकों एवं स्थानीय भाजपा नेताओं के आग्रह पर पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने रविवार को स्थानीय भाजपा नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं संग निर्माण स्थान का औचक निरीक्षण किया.
कई अनियमितता और भ्रष्टाचार उजागर
रविवार को बिरसानगर में निर्माणाधीन पीएम आवास (शहरी) के औचक निरीक्षण के दौरान कई अनियमितताएं और भ्रष्टाचार सामने आये. निरीक्षण के दौरान सबसे पहले निर्माण में इस्तेमाल हो रही घटिया क्वालिटी के काले ईंट और दोयम दर्जे की निर्माण सामग्रियों पर सवाल उठाते हुए कुणाल षाडंगी ने मौके से ही उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री और जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के विशेष पदाधिकारी संजय कुमार को अवगत कराया और कार्रवाई का आग्रह किया. इसके साथ ही ठेकेदार द्वारा वर्कऑर्डर और बीओक्यु के मानदंडों को बदलकर अपने मनमर्जी से निर्माण पूरा करने की शिकायत सामने आये.
बगैर प्लास्टर के दीवारों पर चढ़ा दिया पुट्टी, भड़के कुणाल षाडंगी
निरीक्षण के क्रम में कुणाल षाडंगी ने कुछ फ़्लैट का अवलोकन किया, जिसमें कई खामियां दिखें। निर्माण में खराब क्वालिटी के ईंटों के प्रयोग के अलावे बड़ा भ्रष्टाचार यह था की दीवारों पर बगैर प्लास्टर के ही पुट्टी या प्लास्टर ऑफ पेरिस चढ़ा दिये गये हैं. आनन फानन में फ्लैट का काम पूरा करने की होड़ में संबंधित ठेकेदार ने बड़े स्तर पर गड़बड़ी को अंजाम दिया है. बगैर प्लास्टर के फ्लैट की दीवारें कितनी मज़बूत होंगे, यह सोचनीय है. मौके पर ही ठेकेदार के प्रतिनिधि ने बताया की बगैर प्लास्टर के काम करने की अनुमति जुडको द्वारा मिली है.
उसने बताया की दीवारों में क्रैक नहीं हो इसके लिए प्लास्टर नहीं किया जा रहा. फ़ौरन ही यह झूठ तब उजागर हो गई, जब पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने सवाल किया की क्या इसकी लिखित अनुमति जुडको ने संवेदक को दिया है? इसके जवाब में ठेकेदार के प्रतिनिधि ने बताया की कोई लिखित अनुमति नहीं है. मौके से ही कुणाल ने जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी को कॉल किया और इस आशय में सवाल किया. विशेष पदाधिकारी ने भी ठेकेदार के प्रतिनिधि के दावों को गलत बताते हुए जांच कराने की बात कही.
कुणाल ने मांग किया की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के ड्रीम प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार द्वारा पलिता लगाने में जुटे लोगों पर जांचोपरांत नियम संगत कार्रवाई होनी चाहिए. मांग किया की लापरवाह संवेदकों को अविलंब ब्लैक लिस्ट करने के साथ ही निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर निगरानी रखी जाये. कुणाल षाडंगी ने उपायुक्त से स्वयं पीएम आवास निर्माण का औचक निरीक्षण करने का आग्रह किया, ताकि गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई सुनिश्चित हो सके.
रिपोर्टः लाला जबीन