रिपोर्टः सचिन सिंह/ न्यूज 22स्कोप
- दो महीना पीएमसीएच अस्पताल में रहने के बाद वापस लौट गई अनरवा देवी
- टूटे पैर के सहारे आज भी वृद्ध महिला भीख मांग कर रही गुजर-बसर, सरकारी सुविधा से वंचित
झरिया: सरकार गरीबों और जरुतमंदों के मुफ्त इलाज के लाख दावे करती है. गरीबों के कल्याण के लिए सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज करने का दम भरती है. लेकिन कुछ सिस्टम की लापरवाही के कारण सरकार की इन योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है. यानि जिन गरीबों का मुफ्त में इलाज होना चाहिए. उनको समय से जरुरत की दवाएं तक नहीं मिल रही. कहीं डॉक्टर नहीं हैं, तो कहीं दवा.
धनबाद के शहीद निर्मल महतो अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) को ही देख लीजिए. यहां इलाज के लिए आने वाले गरीब मरीजों को मायूसी ही हाथ लगती है. जिस कारण बेबस लाचार गरीबों का इलाज नहीं हो पा रहा है. झरिया थाना क्षेत्र के तेजन सिंह तालाब के पास स्थित भईया बस्ती खपड़ा धौड़ा की रहने वाली अनरवा देवी जो भींख मांग कर अपना गुजरा कर रही हैं. विगत दो माह पहले गिर जाने के कारण अनरवा देवी का बाएं पैर टूट गया था. करीब दो माह से टूटे पैर के सहारे घिसक कर भीख मांगने पर विवश है.
दो महीना पीएमसीएच में रहीं
अनरवा देवी ने बताती है कि दो माह से परेशान है. टूटे पैर के सहारे घिसक घिसक कर चल रहें हैं. नहीं मांगेगे तो हम क्या खाएंगे. धनबाद पीएमसीएच अस्पताल भी गए थे, करीब दो महिना अस्पताल में रहे, लेकिन इलाज नहीं हो पाया. बोला खून चढ़ेगा, खून चढ़ाने के लिए हम पैसा कहा से लाएंगे. दो महीने जो भी दवा लगा सब खरीद कर लाए. पैसा के अभाव में पैर का प्लास्टर नहीं हो सका. और वापस टूटे पैर लेकर घर लौट आए.
टूटे पैर के सहारे आज भी वृद्ध महिला भीख मांग कर रही गुजर-बसर
समाजसेवी सौरभ शर्मा और राजेश राम ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है एक गरीब लाचार वृद्ध महिला जो अपना भरण पोषण भीख मांग कर रही है. दो महिना पहले इनका बायां पैर टूट गया था. अपना इलाज कराने के लिए धनबाद पीएमसीएच अस्पताल गई थी. खून चढ़ाने के लिए इनसे 4 हजार रूपए मांगा गया था. पैसे के अभाव में अपना इलाज नहीं करा पाई. वृद्ध महिला का नाम अनरवा देवी बताया जा रहा है. अनरवा देवी हर सरकारी सुविधा से वंचित है. उनका पति भी लकवा से ग्रसित है.