Highlights
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पटना के निजी होटल में सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य आगामी चुनाव की तैयारियों, सुरक्षा व्यवस्थाओं और मतदान प्रक्रिया पर चर्चा करना था।
बैठक में राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय सभी दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे
बैठक में राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय सभी दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे। आयोग ने प्रत्येक दल को अधिकतम तीन प्रतिनिधि भेजने की अनुमति दी थी। बैठक में आम आदमी पार्टी (AAP), बहुजन समाज पार्टी (BSP), भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड (JDU), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), लोजपा समेत दर्जनों दल हिस्सा लिए।
BJP की मांगें
वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने बैठक में चुनाव को दो चरणों में कराने की मांग उठाई। उनका कहना है कि अधिक चरण होने पर मतदाताओं को परेशानी होती है और उम्मीदवारों का खर्च भी बढ़ जाता है। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने यह भी मांग की कि चुनाव की घोषणा के 28 दिन बाद चुनाव हो।
आयोग से यह भी अनुरोध किया कि अति पिछड़ा समाज वाले गांवों में विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जाए
उन्होंने आयोग से यह भी अनुरोध किया कि अति पिछड़ा समाज वाले गांवों में विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जाए। विशेषकर दियारा, नदी और तालाब वाले क्षेत्रों में घुड़सवार सुरक्षा बल तैनात किए जाएं। इसके अलावा, बीजेपी ने मतदाता पर्चियों को समय पर मतदाता तक पहुंचाने और उन्हें पहचान के आधार पर नहीं, बल्कि वेबकास्टिंग, वेब पोर्टल और एसएमएस के माध्यम से अलर्ट करने की मांग की।
विडीयो देखे : https://www.youtube.com/watch?v=KX-7jZQYOck
चर्चा के प्रमुख मुद्दे
बैठक में मतदान केंद्रों की व्यवस्था, सुरक्षा बढ़ाने, मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के पालन और चुनावी रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा हुई। आयोग ने सभी दलों को अपने सुझाव साझा करने और चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। चुनाव आयोग की टीम इस बैठक के बाद राज्य के चुनावी माहौल का अंतिम जायजा ले रही है। सूत्रों के अनुसार, बिहार में अगले तीन दिनों के भीतर चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है।
यह भी पढ़े : Bihar Election 2025: मुख्य निर्वाचन आयुक्त Gyanesh Kumar की टीम पटना पहुंची, चुनावी तैयारियों की होगी समीक्षा
विवेक रंजन की रिपोर्ट