Hathras Stampede Update : हाथरस हादसे का शिकार हुए 16 जिलों के लोग, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जताया दुख और भेजा शोक संदेश

हाथरस में हालात का जायजा लेने के बाद सरकारी अस्पताल में भगदड़ की घटना में घायलों से मुलाकात करने पहुंचे सीएम योगी ने आदित्यनाथ मीडिया से मुखातिब होकर कई अहम जानकारियां साझा कीं।

डिजीटल डेस्क : Hathras Stampede Update : हाथरस हादसे का शिकार हुए 16 जिलों के लोग, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जताया दुख और भेजा शोक संदेश ।  हाथरस हादसे में कुल 16 जिलों के लोगों के शिकार होने की पुष्टि की गई है। इसी बीच रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने हाथरस सत्संग हादसे पर दुख जताया है। पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शोक संदेश भेजा है। उन्होंने लिखा, “हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को मेरी सहानुभूति एवं समर्थन व्यक्त करें, साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” इसी क्रम में जापान के पीएम फूमिओ किशिदा ने दुख जताया है। उन्होंन लिखा है कि यह जानकर बहुत दुख हुआ है कि भारत के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश में हुई भगदड़ में कई अनमोल जानें चली गईं। जापान सरकार की ओर से उन्होंने पीड़ितों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की एवं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। साथ ही उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की भी हार्दिक कामना की है। बता दें कि स्वयंभू बाबा उर्फ ​​नारायण साकार हरि के धार्मिक आयोजन में भगदड़ मचने से जान गंवाने वालों 121 लोगों में से 19 की ताजा अपडेट जारी होने तक शिनाख्त नहीं हो पाई है। इस भगदड़ में 100 से अधिक महिलाओं और सात बच्चों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। अन्य 28 घायलों का उपचार जारी है।

सीएम योगी ने किया खुलासा – चश्मदीदों ने कार्यक्रम के दौरान हादसा होने की पुष्टि की

हाथरस में हालात का जायजा लेने के बाद सरकारी अस्पताल में भगदड़ की घटना में घायलों से मुलाकात करने पहुंचे सीएम योगी ने आदित्यनाथ मीडिया से मुखातिब होकर कई अहम जानकारियां साझा कीं। बोले कि घटना के चश्मदीदों ने बताया कि हादसा कार्यक्रम के दौरान ही हुआ। यहां हुए कार्यक्रम में जो सज्जन अपना उपदेश देने आए थे उनकी कथा संपन्न होने के बाद, उनके मंच से उतरने के पर, उन्हें छूने के लिए महिलाओं का एक दल आगे बढ़ा तभी उनके पीछे एक भीड़ गई। उसी दौरान वे एक-दूसरे के ऊपर चढ़ते गए। हादसे का सबसे दुखद पहलू यह था कि सेवादारों ने प्रशासन को भी अंदर नहीं जाने दिया और घटना को दबाने की कोशिश की। सत्संग में यहां देश के कई राज्यों से भक्त पहुंचे थे। सीएम योगी ने कहा कि इसमें जो भी जिम्मेदार होगा, उसको कड़ी सजा मिलेगी।

सीएम योगी बोले- ऐसे हादसे रोकने को बनेगी एसओपी, एसआईटी ने सौंपी आरंभिक रिपोर्ट

सीएम योगी ने कहा कि हादसे की जांच के लिए एडीजी आगरा की अगुवाई में एक कमेटी गठित की गई है। उसे घटना की तह तक जाने के लिए कहा गया है। आयोजकों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। सीएम ने कहा कि यह हादसा अगर साजिश है तो उसकी भी जांच की जाएंगी। इस तरह का हादसा दोबारा न हो इसके लिए एक एसओपी बनाई जाएंगी ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के हादसे पर साफ किया कि, ‘इस पूरी घटना की तह तक जाने के लिए शासन स्तर पर हमने कल भी व्यवस्था बनाई थी लेकिन हमारी प्राथमिकता राहत-बचाव कार्य थी। इस हादसे में 121 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई जो उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से जुड़े हुए थे।’ पूरे घटनाक्रम के लिए एडीजी आगरा की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी है। उसमें कई पहलू हैं जिनपर जांच होना आवश्यक है।’

जांच के दायरे में जिला प्रशासन भी, 17 दिन से तैयारियां जारी थीं लेकिन सोया रहा अमला

बाबा के सत्संग की 17 दिनों से तैयारी चल रही थी। 2 जुलाई को होने वाले कार्यक्रम में 26 जून से ही मध्य प्रदेश राजस्थान और आसपास के राज्यों की तकरीबन 500 बसें पहले ही पहुंच चुकी थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि सिकंदराराव से गुजरने वाली जीटी रोड पर जिस तरीके का मजमा लगना शुरू हुआ था उससे अंदाजा था कि यहां पर कार्यक्रम बहुत बड़ा होने वाला है। बावजूद इसके पुलिस प्रशासन ने ना इसकी गंभीरता समझी और ना ही इस दिशा में कोई बेहतर प्रबंध किया। आरंभिक जांच में एसआईटी ने पाया है कि 27 जून से ही अलग-अलग राज्यों से बसों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। चार से पांच सौ बसें तो मध्य प्रदेश और राजस्थान के नंबरों की 27 जून से आ गई थीं। उसके बाद भी सैकड़ों बसों के आने का सिलसिला लगातार जारी रहा। आने वाले ज्यादातर साधकों ने आसपास के इलाकों में ही टेंट में रहने का बंदोबस्त किया था जबकि कुछ लोग बस के नीचे और आसपास के हिस्से में रह रहे थे। बीते 15 दिनों से यहां पर आयोजकों की ओर से टेंट और पंडाल लगाए जाने की भी तैयारी चल रही थी। बाबा के सेवादारों के हाथ में आई ट्रैफिक व्यवस्था से हालात बेहतर होने की बजाय बदहाल होने लगे। माना जा रहा है कि सरकारी व्यवस्थाएं होतीं तो शायद इस तरीके की घटना ना होती।

सीएम योगी ने कहा कि हादसे की जांच के लिए एडीजी आगरा की अगुवाई में एक कमेटी गठित की गई है। उसे घटना की तह तक जाने के लिए कहा गया है। आयोजकों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
हाथरस हादसे के बाद से फरार बाबा की तलाश में जुटी यूपी पुलिस

आगरा, अलीगढ़ या राजस्थान हाथरस में हादसे के बाद कहां फरार हो गया बाबा?

हाथरस में 2 जून को सत्संग में मची भगदड़ के बाद से ही भोले बाबा का कुछ अता पता नहीं है। हादसे के बाद वो मैनपुरी के बिछवां स्थित अपने राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट आश्रम में पहुंचे। यूपी पुलिस भोले बाबा की तलाश में उनके मैनपुरी आश्रम पहुंची। राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में सर्च ऑपरेशन अभियान भी चलाया लेकिन बाबा वहां नहीं मिले। अब तीन ठिकानों पर पुलिस की नजर है। अंदेशा है कि बाबा आगरा, अलीगढ़ या राजस्थान में हो सकते हैं क्योंकि वही तीन जगह बाबा के असली ठिकाने हैं। मैनपुरी के डीएसपी सुनील कुमार सिंह ने मंगलवार देर रात सर्च ऑपरेशन के बाद बताया था कि परिसर के अंदर बाबा नहीं मिले और वह मैनपुरी में नहीं हैं। पुलिस अब लगातार उन जगहों का पता लगा रही है जहां बाबा मिल सकते हैं।

नए कानून की धाराओँ में हुई एफआईआर, अनुमति 80 हजार की लेकर जुटाए ढाई लाख भक्त

हाथरस मामले में गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है। सत्संग कार्यक्रम के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों के खिलाफ देश में लागू हुए नए कानूनों की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 105, 110, 126(2), 223 और 238 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इस एफआईआर में जगत गुरु साकार विश्वहरि भोले बाबा का नाम नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक, सत्संग के लिए अनुमति ली गई थी लेकिन 80000 श्रद्धालुओं के शामिल होने को लेकर ही। अनुमति मांगी थी, पर दो लाख से अधिक श्रद्धालु सत्संग में शामिल होने आए थे। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि आयोजकों ने अनुमति मांगते समय सत्संग में आने वाले भक्तों की वास्तविक संख्या छिपाई। एफआईआर के मुताबिक आयोजन में ढाई लाख लोग आए थे जबकि आयोजकों ने 80 हजार लोगों के कार्यक्रम की अनुमति ली थी। इसके साथ ही आयोजकों की ओर से ट्रैफिक मैनेजमेंट का कोई इंतजाम नहीं था। 80 हजार की इकट्ठा होने की मांगी गई अनुमति के अनुसार ही पुलिस और प्रशासन की ओर से भीड़ की सुरक्षा, शान्ति व्यवस्था एवं यातायात प्रबंधन किया गया था लेकिन कार्यक्रम में लगभग ढाई लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने से स्थिति आउटआफ कंट्रोल हो गई। जीटी रोड पर जाम लग गया, यातायात अवरुद्ध हो गया।

Share with family and friends: