Hazaribagh ACB Raid : हजारीबाग में एसीबी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में न्यायिक हिरासत में बंद विनय सिंह के गाड़ी के शोरूम को सील कर दिया है. रविवार को दिन भर शोरूम में जांच पड़ताल किया गया. रविवार की सुबह 7:30 बजे के आसपास एसीबी की टीम हजारीबाग गाड़ी के शोरूम पहुंची और कार्रवाई करते हुए अस्थाई रूप सील कर दी है. रविवार को टीम हजारीबाग में लगभग 8 घंटे जांच की थी.
गाड़ी के शोरूम के बाहर एक नोटिस भी लगा दिया गया है. जिसमें लिखा है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रांची थाना कांड संख्या 9/25 दिनांक 20. 5.2025 के अनुसंधान में क्रम में तलाशी की कार्रवाई दिनांक 28. 9.25 को पूर्ण नहीं होने के कारण इस प्रतिष्ठान को अस्थायी रूप से सील किया जाता है.
Hazaribagh ACB Raid : विनय सिंह पर जमीन और शराब घोटाले मामले में चल रही जांच
हजारीबाग में पदस्थापित एसीबी के डीएसपी शातीक अनवर रिजवी ने बताया कि विनय सिंह के ऊपर जमीन और शराब घोटाले दोनों मामले की जांच चल रही है. एसीबी ने कार्रवाई करते हुए प्रतिष्ठान सील किया है.
कार्रवाई करते समय सुरक्षा बल ने पूरे प्रतिष्ठा को अपने सुरक्षा घेरा में ले लिया था. इस दौरान कोई भी पदाधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हुए. कहा कि एसीबी मुख्यालय से ही इसकी जानकारी दी जाएगी. वही कोई भी व्यक्ति को शोरूम के अंदर प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी गई.
विनय सिंह के ऊपर दो मामले पर कार्रवाई की गई है. शराब घोटाला और भूमि घोटाले में इनके खिलाफ एसीबी कोर्ट में मामला दर्ज किया गया है. हजारीबाग के तत्काल उपायुक्त विनय चौबे के काफी नजदीकी बताए जाते हैं और कहा जाता है कि दोनों मामले के तार इनसे जुड़े हुए हैं.
Hazaribagh ACB Raid : शराब घोटाले मामले में जेल में बंद है आईएएस विनय चौबे
बताते चलें कि 19 अगस्त को झारखंड के चर्चित शराब घोटाला मामले में जेल में बंद वरीय आईएएस अधिकारी विनय चौबे को बड़ी राहत मिली थी. एसीबी कोर्ट ने BNSS की धारा 187(2) के तहत उन्हें जमानत दे दी थी. एसीबी ने 20 मई को शराब घोटाले की जांच के सिलसिले में विनय चौबे को पूछताछ के लिए बुलाया था. लंबी पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. शराब घोटाला मामले में आरोपियों पर भादवि की अन्य धाराओं के साथ धारा 467 और 409 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. वर्तमान में विनय चौबे जमीन घोटाला में न्याय हिरासत में जिले बंद है.
शशांक शेखर की रिपोर्ट
Highlights
