हजारीबाग जमीन घोटाले में कारोबारी विनय सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह को एसीबी का नोटिस, हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर राहत देने से किया इनकार।
Hazaribagh Land Scam: हजारीबाग: हजारीबाग में हुए जमीन घोटाले (Hazaribagh Land Scam) मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने कारोबारी विनय सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह को पूछताछ के लिए एक बार फिर नोटिस जारी किया है।
एसीबी ने इस मामले में विनय सिंह को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। जांच एजेंसी के अनुसार, विवादित जमीन की जमाबंदी विनय सिंह और उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह के नाम पर की गई थी।
इससे पहले भी एसीबी दो बार स्निग्धा सिंह को पूछताछ के लिए बुला चुकी थी, लेकिन वह पेश नहीं हुईं। ताजा नोटिस में उन्हें जल्द उपस्थित होकर बयान देने को कहा गया है।
Key Highlights:
हजारीबाग जमीन घोटाले में कारोबारी विनय सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह को एसीबी ने फिर पूछताछ के लिए नोटिस भेजा।
एसीबी पहले ही विनय सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है।
जमीन की जमाबंदी स्निग्धा सिंह और विनय सिंह के नाम पर दर्ज है।
आईएएस विनय चौबे के कार्यकाल में हुई थी अवैध जमाबंदी।
हाईकोर्ट ने विनय सिंह को राहत देने से इनकार, गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका खारिज।
ऑटोमोबाइल शोरूम खोलने से जुड़ी याचिका भी न्यायालय ने खारिज की।
Hazaribagh Land Scam:
मामला हजारीबाग के सदर अंचल के बभनवे मौजा, हल्का संख्या 11 का है। एसीबी की जांच में पाया गया कि इस भूमि पर विनय सिंह और स्निग्धा सिंह का दखल और कब्जा है। आरोप है कि विनय सिंह ने सरकारी कर्मियों के साथ सांठगांठ कर अवैध तरीके से अपने और अपनी पत्नी के नाम पर जमीन की जमाबंदी कराई थी।
इस घोटाले में एसीबी अब तक कई गिरफ्तारियां कर चुकी है — जिनमें पूर्व उपायुक्त और आईएएस अधिकारी विनय चौबे, कारोबारी विनय सिंह, लैंड ब्रोकर विजय सिंह, और तत्कालीन सदर अंचल अधिकारी शैलेश कुमार शामिल हैं।
Hazaribagh Land Scam: कोर्ट ने खारिज की याचिकाएं
झारखंड हाईकोर्ट ने हजारीबाग वन भूमि घोटाले के आरोपी विनय कुमार सिंह को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है।
जस्टिस अंबुज नाथ की अदालत ने उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि एसीबी के पास पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं, इसलिए याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।
इसके अलावा, जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने विनय सिंह के रांची, हजारीबाग और गुमला स्थित ऑटोमोबाइल शोरूम खोलने से जुड़ी याचिका भी खारिज कर दी है।
जांच एजेंसियां अब मामले के अन्य पहलुओं पर भी फोकस कर रही हैं, जिनमें भूमि खरीद-बिक्री के वित्तीय लेनदेन और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत की जांच प्रमुख है।
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