हजारीबाग का आईएस आतंकी शाहनवाज समेत तीन दिल्ली से गिरफ्तार

हजारीबाग: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आईएसआईएस आतंकी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है । इसकी पहचान मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शैफी उज्जमा, मोहम्मद रिजवान अशरफ और मोहम्मद अरशद वारसी के तौर पर हुई।

तीनों पेशे से इंजीनियर हैं। इनका मकसद आईईडी धमाके करने का था। इनके निशाने पर कई गणमान्य लोग भी थे। आरोपियों ने अलग-अलग जगहों पर रेकी की थी। कई जगह ट्रेनिंग कैंप बनाए थे। शाहनवाज हजारीबाग में पगमिल आजाद नगर मोहम्मद हाउस के पास का रहने वाला है।

वह 10 साल से आतंकी गतिविधियों में संलिप्त है। शाहनवाज पुणे पुलिस की हिरासत से फरार था। एनआईए ने पिछले महीने 3-3 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।

इनके दिल्ली में छिपे होने के इनपुट के बाद छापे मारे गए। स्पेशल सीपी हरगोविंद सिंह धालीवाल ने बताया, सोमवार तड़के शाहनवाज को जैतपुर से पकड़ा गया।

अरशद को मुरादाबाद और अशरफ को लखनऊ से दबोचा गया। तीनों को कोर्ट में पेश करने के बाद सात दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। शाहनवाज व अरशद झारखंड और अशरफ यूपी के आजमगढ़ का है। शाहनवाज के ठिकाने से बम बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल, टाइमिंग डिवाइस, पिस्टल व कारतूस बरामद हुए हैं।

शाहनवाज की पत्नी पहले हिंदू थी। उसका धर्म बदलवाकर इस्लाम कुबूल करवाया गया। इसके बाद उसने नाम मरियम रख लिया। वह भी पति का साथ दे रही थी। शाहनवाज की पत्नी और बहन दोनों अंडरग्राउंड हैं। उनकी तलाश जारी है।

2016 में रांची से बनवाया था पासपोर्ट

शाहनवाज ने रांची से पासपोर्ट भी बनवा रखा है। 31 अक्टूबर 2016 को पासपोर्ट जारी हुआ है। इसकी वैलिडिटी 30 अक्टूबर 2026 तक है। शाहनवाज़ बीटेक की पढ़ाई कर चुका है और पुणे में इंजीनियर था। एनआईए पुणे में उसको तलाश रही थी। इस बीच वह दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।

समाज से भी कटा रहता था शाहनवाज

एनआईए ने हजारीबाग एसपी को शाहनवाज पर नजर रखने का टास्क दिया था। हालांकि, इस बीच वह हजारीबाग नहीं आया। जांच एजेंसी को सूचना थी कि आरोपी हजारीबाग में आईएसआईएस को ऑपरेट कर रहा था। स्लीपर सेल बनाने में लगा था। मुहल्ले के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, काम के बहाने वह अक्सर दिल्ली में रहा करता था। वह समाज से कटा रहता था। उसकी गतिविधियां संदिग्ध रहती थीं।

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