रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम खनन लीज आवंटन से जुड़े मामले में
निर्वाचन आयोग में आज सुनवाई होगी.
सीएम हेमंत सोरेन को इस दौरान आयोग के समक्ष खुद उपस्थित होकर या
अपने अधिवक्ता के माध्यम से पक्ष रखना है.
मामले में दो बार अवधि विस्तार दिये जाने के कारण सुनवाई शुरू नहीं हो पाई है.
ज्ञात हो कि 14 जून को चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दो सप्ताह की
मोहलत देते हुए कहा था कि उन्हें पूर्व में दो बार अवधि विस्तार दिया जा चुका है.
अब मामले में आज सुनवाई होगी. इस दिन सीएम को खुद या वकील के माध्यम से पक्ष रखें.
यदि इस दिन सीएम ने पक्ष नहीं रखा तो पूर्व में उनकी ओर से दाखिल जवाब के आधार पर आयोग आगे की कार्रवाई करेगा.
दो बार सीएम के आग्रह पर दिया गया था अवधि विस्तार
राज्यसभा चुनाव में व्यस्तता और अपने अधिवक्ता की तबीयत खराब रहने के कारण पूर्व में सीएम हेमंत सोरेन ने दो बार निर्वाचन आयोग से अतिरिक्त समय का आग्रह किया था. हालांकि आयोग की ओर से यह भी कहा गया है कि अगली तिथि को वे खुद या वकील के माध्यम से पक्ष रखें, अन्यथा उनकी ओर से जो लिखित जवाब सौंपा गया है, उसी के आधार फैसला लिया जाएगा.
भाजपा ने राज्यपाल को सौंपा था ज्ञापन
बता दें कि भाजपा ने राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए हेमंत सोरेन ने अपने नाम से रांची के अनगड़ा में पत्थर खनन लीज लिया. इसे जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन बताते हुए राज्यपाल से हेमंत सोरेन को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की मांग की गई. राज्यपाल रमेश बैस ने इसपर भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा है. आयोग परामर्श देने से पहले मामले में सुनवाई कर रहा है.
29 जून को बसंत सोरेन के खिलाफ होगी सुनवाई
दूसरी ओर मुख्यमंत्री के छोटे भाई दुमका से विधायक बसंत सोरेन के खिलाफ भी खनन कंपनी में विधायक रहते साझेदार संबंधित मामले 29 जून को निर्वाचन आयोग में सुनवाई होगी. भाजपा की शिकायत पर राज्यपाल ने आयोग से इस मामले में भी परामर्श मांगा है. पिछली बार भाजपा के आग्रह पर अवधि विस्तार दिया गया था.
रिपोर्ट: मदन सिंह