रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लीज आवंटन और उनके करीबियों द्वारा शेल कंपनी में
निवेश मामले में झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 28 जुलाई को सुनवाई होगी.
इस मामले में राज्य सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने
चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ में जल्द सुनवाई के लिए विशेष मेंशन किया.
जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. अब इस मामले में 28 जुलाई को सुनवाई होगी.
इसी मामले में झारखंड हाई कोर्ट में 29 जुलाई को सुनवाई निर्धारित है.
मुख्यमंत्री की ओर से पक्ष रखा जाना अभी बाकी
बता दें कि राज्य सरकार की ओर से इस मामले में बहस की जा रही है. उनकी ओर से अधिवक्ता कपिल सिब्बल पक्ष रखते हुए प्रार्थी की ओर से लगाए गए आरोपों का बिंदुवार जवाब दिया है. फिलहाल अब इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से भी पक्ष रखा जाना अभी बाकी है.
हाई कोर्ट में दो जनहित याचिकाएं की गई दाखिल
बता दें कि प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में दो जनहित याचिकाएं दाखिल की गई है. इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनके भाई बसंत सोरेन के करीबियों द्वारा मुखौटा कंपनियों में अवैध कमाई का निवेश किया जाता है. जिसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है. वहीं, दूसरी याचिका में हेमंत सोरेन को पत्थर खनन लीज आवंटित करने का मुद्दा उठाते हुए उनकी विधानसभा सदस्यता रद करने की मांग की गई है.
रिपोर्ट: प्रोजेश दास