सुप्रीम कोर्ट में झारखंड सहायक आचार्य परीक्षा: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सहायक आचार्य परीक्षा-2023 पर सुनवाई की। सामाजिक विज्ञान रिजल्ट मामले में नोटिस जारी, जबकि एक अवमानना याचिका ड्रॉप की गई।
सुप्रीम कोर्ट में झारखंड सहायक आचार्य परीक्षा रांची: झारखंड प्रारंभिक विद्यालय प्रशिक्षित सहायक आचार्य प्रतियोगिता परीक्षा-2023 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अहम सुनवाई हुई। मामले में दो अलग-अलग याचिकाओं पर पीठ ने अपना रुख स्पष्ट किया।
Key Highlights
सुप्रीम कोर्ट ने सहायक आचार्य परीक्षा-2023 पर सुनवाई की
सामाजिक विज्ञान रिजल्ट मामले में मुख्य सचिव समेत कई अधिकारियों को नोटिस
अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी
परिमल कुमार की अवमानना याचिका ड्रॉप, रिजल्ट प्रकाशित हो चुका
16 सितंबर को सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिलने की पुष्टि
जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस विजय विश्नोई की खंडपीठ ने सामाजिक विज्ञान विषय के रिजल्ट को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि जेएसएससी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया और मेरिट के आधार पर परिणाम घोषित नहीं किया। इस पर पीठ ने झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी, शिक्षा विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह, जेएसएससी सचिव सुधीर कुमार गुप्ता, जैक अध्यक्ष डॉ. नटवा हांसदा और अरविंद कुमार सिंह को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी।
वहीं, परिमल कुमार द्वारा दायर दूसरी अवमानना याचिका पर पीठ ने सुनवाई के बाद मामला ड्रॉप कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रार्थी की मांग पूरी हो चुकी है और उसका रिजल्ट प्रकाशित हो गया है, इसलिए अब अवमानना का सवाल नहीं उठता। राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि 16 सितंबर को कक्षा एक से पांच के सहायक आचार्य परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे, जिनमें प्रार्थी भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी 2025 को आदेश पारित कर जेएसएससी को सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम जल्द जारी करने का निर्देश दिया था। रिजल्ट में देरी को लेकर कई अभ्यर्थियों ने अवमानना याचिकाएं दायर की थीं।
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