गढ़वा:- सदर प्रखंड का केरवा टोला में जिला प्रशासन की ओर से एक अरब पांच करोड़ 24 लाख 69 हजार रुपए की लागत से बनाये जा रहे डंपिग यार्ड (अपशिष्ट प्रबंधन) पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी. हाई कोर्ट के इस फैसले से ग्रामीणों में खुशी की लहर है.
हाई कोर्ट के फैसले पर पूर्व विधायक सत्येन्द्र तिवारी ने कहा कि जब विधायिका और कार्यपालिका द्वारा ग्रामीणों की आवाज नहीं सुनी गई, तब लाचार होकर ग्रामीणों ने न्यायपालिका की शरण ली और अन्तोगतवा न्याय मिला.
बता दें कि ग्रामीणों के विरोध के बाबजूद भी दस एकड़ भूमि में बाउन्ड्री का निर्माण किया जा चुका है. इस बाउन्ड्री वाल में 20 आदिवासी परिवारों को आठ-आठ कट्ठा पट्टे पर मिली जमीन भी चली गई. इसके ठीक बगल में शिक्षण संस्थान, बड़ी संख्या में बसावट और शिव मंदिर है. बावजूद सरकार गरीब भूमिहीनों को जबरदस्ती बेघर करना चाहती थी. ग्रामीणों के पूर्व विधायक से अपनी जमीन वापस दिलवाने का आग्रह किया है.