डिजिटल डेस्क: विशेष सचिव को हाईकोर्ट ने अवमानना केस में नहीं दी माफी, हिरासत में रखा। इलाहाबाद हाईकोर्ट में यूपी के समाज कल्याण विभाग सचिव को अवमानना के मामले में माफी नहीं मिली और विशेष सचिव को अदालत चलने तक वहीं पर हाईकोर्ट के आदेशानुसार हिरासत में रहना पड़ा।
अदालती आदेश की अवहेलना को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अवमानना कार्यवाही में समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव रजनीश चंद्रा को अदालत उठने तक हिरासत में रखने का आदेश दिया। साथ ही, कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर 2000 रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश पारित किया।
शिक्षिका के वेतन भुगतान में फंसे यूपी के विशेष सचिव
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह पूरा मामला सेवानिवृत्त सहायक शिक्षिका सुमन देवी के वेतन भुगतान को लेकर है। भुगतान संबंधी कोर्ट का आदेश होने पर भी भुगतान न करने एवं उस संबंधी तमाम बहाने बनाने का मामला पकड़ में आने के बाद हाईकोर्ट ने यूपी के विशेष सचिव को सबक सिखाने के क्रम में संकेतात्मक दंडात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई।
..ताकि यह अन्य मामलों में भी दृष्टांत बने एवं कार्मिकों को अनायास ही अधिकारियों के बहानेबाजी के चलते उत्पीड़न ना झेलना पड़े। याचिकाकर्ता सुमन देवी डॉ. बीआर अंबेडकर शिक्षा सदन आबू नगर, फतेहपुर में कार्यरत थीं। उन्हें 10 अप्रैल 2022 को सेवानिवृत्त होना था। याचिकाकर्ता को सेशन लाभ दिया गया। उन्हें 31 मार्च 2023 को सत्र के अंत में रिटायर होने की अनुमति दी गई।
जब सुमन देवी को नौकरी की पूरी विस्तारित अवधि के लिए वेतन का भुगतान नहीं किया गया, तो उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट ने आवेदक की प्रार्थना को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने इस निर्देश के साथ रिट याचिका का निपटारा कर दिया कि याचिकाकर्ता को 1 अप्रैल 2022 से सत्र के अंत तक उसका वेतन दिया जाएगा। इस पर कार्रवाई नहीं होने के बाद अवमानना याचिका दायर की गई थी।
हाईकोर्ट ने विशेष सचिव के माफी को वास्तविक और ईमानदार नहीं माना…
सेवानिवृत्त सहायक शिक्षिका सुमन देवी की ओर से दायर अवमानना याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस सलिल कुमार राय ने हिरासत में लेने का आदेश पारित किया। उन्होंने 4 मार्च के अदालती आदेश के बावजूद वेतन न मिलने का आरोप लगाया था।
हाईकोर्ट ने कहा कि विशेष सचिव की ओर से मांगी गई माफी सही नहीं है। यह माफी कोर्ट को उन्हें अवमानना से मुक्त करने के लिए राजी नहीं करती है। कोर्ट ने कारण बताते हुए कहा कि यह माफी वास्तविक और ईमानदार नहीं है।
दोपहर के 1 बजे तक हाईकोर्ट में हिरासत में रहे समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद विशेष सचिव रजनीश चंद्रा को अदालत के अधिकारी ने हिरासत में ले लिया। वे दोपहर 1 बजे तक हिरासत में रहे। आदेश पारित करते हुए हाई कोर्ट ने रजनीश चंद्रा की माफी को स्वीकार नहीं किया। हाईकोर्ट ने कहा कि विशेष सचिव की ओर से दोष मढ़ने की कोशिश की गई।
हाईकोर्ट ने कहा कि इस अदालत की ओर से पारित 4 मार्च 2024 के आदेश के अनुसार आवेदक को वेतन का भुगतान रोकने में उनकी भूमिका का पता चलता है। विशेष सचिव की ओर से मांगी गई माफी ईमानदार नहीं है और कार्यवाही में दंड से बचने के लिए ही दी गई है।