MLA कैश कांड में High Court का रोक से इंकार

MLA कैश कांड – 46 लाख के साथ कोलकाता में पकड़े गए कांग्रेस से निलंबित

तीन विधायकों इरफान अंसारी राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी की ओर से

रांची में किए गए जीरो एफआईआर को कोलकाता ट्रांसफर के

खिलाफ दाखिल याचिका की सुनवाई शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में हुई.

मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की कोर्ट में हुई.

सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने झारखंड और बंगाल

सरकार से इस मामले में शपथ पत्र दायर करने को कहा है

वहीं कोलकाता पुलिस को मामले की जांच को जारी रखने का निर्देश दिया है

लेकिन कोर्ट ने चार्जशीट दायर करने पर रोक लगाई है.

हाईकोर्ट ने इन तीनों विधायकों के खिलाफ जांच में किसी प्रकार

के रोक लगाने से इंकार किया है.

आपको बता दें कि इन 3 विधायकों के खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाने में अनूप सिंह की ओर से जीरो एफआईआर हुआ

था जिसे कोलकाता ट्रांसफर कर दिया गया था.

विधायकों ने इसे कोलकाता भेजे जाने को निरस्त करने मांग की है.

प्रार्थी विधायकों का कहना है कि झारखंड में जांच होनी चाहिए

MLA कैश कांडकोलकाता में इसकी जांच नहीं होनी चाहिए.

इस हाई प्रोफाइल मामले में भारत सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल कुमार एवं सीनियर पैनल

काउंसिल विनोद कुमार साहू बंगाल सरकार के ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा,

झारखंड सरकार के तरफ से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार एवं याचिकाकर्ता विधायकों के

तरफ से इंद्रजीत सिन्हा ने मामले में पक्ष रखा

MLA कैश कांड –

विदित हो कि झारखंड के तीन विधायकों के खिलाफ कांग्रेस विधायक अनूप सिंह की

ओर से जीरो एफआईआर दर्ज किया गया है

जिसमें अनूप सिंह ने सरकार गिराने की साजिश में इन विधायकों के शामिल होने का आरोप लगाया है.

यह भी बता दे कि इन तीन विधायकों के बेल पर सुनवाई करते हुए कोलकाता हाईकोर्ट

ने पुलिस को 10 नवंबर को जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

उक्त तीनों विधायकों को 46 लाख कैश के साथ 30 जुलाई को पश्चिम बंगाल के हावड़ा

में कोलकाता पुलिस ने पकड़ा था.कोलकाता हाई कोर्ट ने उन्हें तीन महीने की सशर्त जमानत दी है.

कलकत्ता हाइकोर्ट ने कहा है कि इन तीनों को अपने पासपोर्ट जमा करने होंगे.

साथ ही इन तीनों को 3 महीने तक कोलकाता में ही रहना होगा.

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