रांची: रांची झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस एके राय की खंडपीठ में रांची में आटो से एक महिला की मौत होने मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि रांची में बिना परमिट वाले आटो के परिचालन पर रोक लगाएं और कार्रवाई करें।
अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ट्रैफिक पुलिस के कई जवान अवैध वसूली में लगे रहते हैं। वीआइपी मूवमेंट होने पर ही वे सक्रिय रहते हैं।
अगली सुनवाई 13 जून को होगी। सुनवाई के दौरान ट्रैफिक एसपी उपस्थित थे। कोर्ट ने ट्रैफिक पुलिस से कहा कि ट्रैफिक पुलिस के जवान अवैध वसूली में लगी है,इसके साथ कम उर्म के बच्चे बच्चे ई-रिक्शा या आटो चलाते दिखाई दिए तो उसी दिन ट्रैफिक एसपी को बुलाकर अदालत लगाई जाएगी।
पिछली सुनवाई में अदालत ने मामले में परिवहन सचिव को प्रतिवादी बनाते हुए कहा था कि ट्रैफिक सुधार के लिए काम हो रहा है तो यह दिखना चाहिए।
अदालत ने कहा था कि रांची में अवैध तरीके से डीजल आटो और ई-रिक्शा का संचालन किया जा रहा है।
अदालत ने रांची डीटीओ और एसएसपी से इसका ब्योरा मांगा था। अदालत ने पूछा है कि राजधानी रांची में डीजल आटो के प्रदूषण और फिटनेस सर्टिफिकेट सहित अन्य की जांच को लेकर क्या कार्रवाई की गई है।
आटो व ई-रिक्शा चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस की जांच के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? इस संबंध में प्रार्थी शिवशंकर शर्मा की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है।