रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने सिविल जज (जूनियर डिवीजन) प्रतियोगिता परीक्षा के रिजर्व कैटेगरी अभ्यर्थियों के पक्ष में अहम फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को निर्देश दिया है कि वह प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में शामिल इबीसी-1 और बीसी-2 वर्ग के उन अभ्यर्थियों का रिजल्ट तीन सप्ताह के भीतर उनकी कोटि के अनुसार प्रकाशित करे, जिन्होंने अपने वर्ग के कट-ऑफ से अधिक अंक प्राप्त किए हैं।
खंडपीठ ने यह आदेश उन याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिया, जो संजीता कुमारी, जुली परवीन और लक्ष्मी कुमारी की ओर से दायर की गई थीं। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि उन्होंने आरक्षित श्रेणी के तहत परीक्षा दी और कट-ऑफ से ज्यादा अंक हासिल किए, इसके बावजूद उनका पीटी रिजल्ट जारी नहीं किया गया।
प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता राजेश कुमार ने पैरवी करते हुए कोर्ट को बताया कि आयोग ने रिजर्व कोटि के योग्य अभ्यर्थियों को अनुचित तरीके से रिजल्ट से वंचित किया है। उन्होंने आग्रह किया कि जेपीएससी को निर्देश दिया जाए कि वह आरक्षित वर्ग के तहत योग्य उम्मीदवारों का परिणाम शीघ्र प्रकाशित करे।
वहीं, जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने पक्ष रखा। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि तीन सप्ताह के अंदर पीटी रिजल्ट प्रकाशित किया जाए।
यह आदेश उन उम्मीदवारों के लिए राहतभरा है, जो लंबे समय से अपने रिजल्ट की प्रतीक्षा कर रहे थे। यह फैसला आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हक में न्यायिक हस्तक्षेप का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।