बेतिया : पश्चिम चंपारण जिले से मानवता को शर्मसार करती हुई एक खबर सामने आई है। जी हां, बिहारवासियों से बिहार सरकार तमाम दावे करती है लेकिन यहां सभी दावे खोखले दिखाई दे रहा है। आपने सुना होगा कि अस्पताल से शव को घर ले जाने के लिए निजी वाहन या एंबुलेंस के द्वारा ले जाया जाता है। एक परिवार ऐसा है जिसके पास शव ले जाने के लिए ना तो अपनी कोई निजी वाहन है और ना ही वाहन के नाम पर वह कोई एंबुलेंस भाड़ा कर सकता है।
परिजनों द्वारा जब चनपटिया रेफरल अस्पताल में इलाज के बाद हुई मौत पर कर्मियों से शव ले जाने के एंबुलेंस मांगा जा रहा है। अस्पताल द्वारा बताया जा रहा है कि शव ले जाने के लिए यहां कोइ एंबुलेंस नहीं है। फिर उसके बाद उसी गांव के एक समाजसेवी कमलेश ठाकुर अपनी मोटरसाइकिल पर शव को अस्पताल से लेकर 12 किलोमीटर दूरी तय करके उनके घर शव पहुंचाते है। खबर बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के साठी थाना क्षेत्र के नरकटियागंज व बेतिया मुख्य मार्ग की है।
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बताते चलें कि तेज रफ्तार अज्ञात वाहन के चपेट में आने से पैदल जा रहे एक बुजुर्ग की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। पहुंची 112 पुलिस बुजुर्ग को इलाज के लिए चनपटिया रेफरल अस्पताल में भर्ती कराती है। जहां डॉक्टर उस बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान सेमरी पंचायत के निवासी अध्याराम के रूप में की गई। परिजनों के द्वारा उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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दीपक कुमार की रिपोर्ट