लगातार हो रही भू-धंसान की घटनाओं से हर पल मंडरा रहा है मौत का साया
भू धंसान के चपेट में आया दर्जनों लोगों का आशियाना
धनबाद : धनबाद और आसपास के इलाकों में लगातार हो रहे अवैध और असुरक्षित कोयला खनन ने इलाके के लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों का जीवन संकट में आ गया है. लोग दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं. निरसा थाना क्षेत्र अंतर्गत इसीएल मुगमा एरिया के कापासारा आउटसोर्सिंग के समीप फिर से भू धंसान हुआ है. लगभग 50 मीटर से भी अधिक दायरे में बीती रात्रि जोरदार आवाज के साथ जमीन धंस गई जिसमे धौड़ा वासी अजय यादव का घर जमींदोज हो गया. इसके बाद आसपास के लोगों ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई. घटना के बाद से धौड़ा बस्ती में रहने वाले लोग दहशत में हैं.
अवैध कोयला खनन के कारण लगातार हो रहा भू धंसान
धनबाद के कतरास थानाक्षेत्र के आकाश किनारी बस्ती में भी इसी तरह की घटना सामने आई है. न्यू अकाशकिनारी कोलियरी क्षेत्र में दर्जनों लोग भू धंसान की चपेट में आ गए. यहां तेज आवाज के साथ भू धंसान की घटना के बाद लोगों में अफरा-तफरी मच गई. स्थानीय लोग दहशत में हैं. और अब वो प्रशासन से सुरक्षित जगह पर ठिकाना देने की मांग कर रहे हैं. उनका का आरोप है कि अवैध कोयला खनन के कारण लगातार भू धंसान हो रहा है. ऐसे में कभी भी वो लोग भी जमीन के नीचे दफन हो सकते हैं.
इन इलाकों में लगातार कोयला माफियाओं के द्वारा अवैध तरीके से खनन की जाती है. लेकिन सीआईएसएफ और बीसीसीएल और ईसीएल प्रबंधन मौन धारण किए हुए रहती है स्थानीय पुलिस भी पूरे मामले में सुस्त रहती है.
आक्रोशित लोगों ने ईसीएल और बीसीसीएल पर लगाया आरोप
स्थानीय लोगों में बेहद आक्रोश देखने को मिल रहा है. इधर स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि बार-बार ईसीएल/बीसीसीएल प्रबंधन से मिन्नते की जाती है. घटना को लेकर आक्रोश व्यक्त किया जाता है. इसके बावजूद कोयला माफियाओं के द्वारा लगातार अवैध तरीके से कोयले का उत्खनन की जाती है और इसमें सीआईएसएफ और बीसीसीएल और ईसीएल प्रबंधन मौन धारण किए हुए रहती है. स्थानीय पुलिस भी पूरे मामले में सुस्त रहती है. जल्द उन्हें सुरक्षित स्थान पर बसाया जाए, उनके जान माल की सुरक्षा की गारंटी ली जाए, लेकिन प्रबंधन के कानो में जु तक नहीं रेंगता. लोग डर के साये में जीने को विवश है. लगातार हो रही कोयले के अवैध खनन ने जीना मुहाल कर रखा है.
रिपोर्ट: राजकुमार जायसवाल/संदीप/सूरज