कोकर डिविजन सबसे आगे, उपभोक्ताओं में भुगतान को लेकर बढ़ी जागरूकता
रांची: बिजली विभाग द्वारा स्मार्ट मीटर को लेकर चलाए गए लगातार जागरूकता अभियानों का असर अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) को जुलाई 2025 में अब तक की सबसे अधिक राजस्व वसूली हुई है। विभाग ने इस माह रिकॉर्ड ₹109.07 करोड़ का राजस्व एकत्र किया, जो पिछले 12 महीनों में सबसे अधिक है।
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, स्मार्ट मीटर की वजह से उपभोक्ताओं में समय पर बिल भुगतान की प्रवृत्ति बढ़ी है। साथ ही विभाग ने ऑडियो सिस्टम, कैंप और मैसेजिंग के माध्यम से लगातार उपभोक्ताओं को समय पर भुगतान के लिए प्रेरित किया। इससे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में बिल भुगतान में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।
कोकर डिविजन में सर्वाधिक ₹28.29 करोड़ की वसूली
रांची सर्किल के अंतर्गत कुल सात डिविजन हैं। इनमें कोकर डिविजन ने सबसे अधिक ₹28.29 करोड़ का राजस्व जमा किया। इसके अलावा अन्य डिविजनों की वसूली इस प्रकार रही:
रांची सेंट्रल – ₹18.66 करोड़
डोरंडा – ₹17.76 करोड़
रांची वेस्ट – ₹16.20 करोड़
रांची ईस्ट – ₹15.76 करोड़
न्यू कैपिटल – ₹9.83 करोड़
खूंटी डिविजन – ₹2.44 करोड़
एक वर्ष में लगातार बढ़ी राजस्व वसूली
पिछले 12 महीनों में विभाग ने हर माह अलग-अलग स्तर पर राजस्व वसूली की। जुलाई 2024 में जहां ₹89.06 करोड़ की वसूली हुई थी, वहीं जुलाई 2025 में यह बढ़कर ₹109.07 करोड़ तक पहुंच गई।
माह | राजस्व (₹ करोड़ में) |
---|---|
जुलाई 2024 | 89.06 |
अगस्त 2024 | 58.88 |
सितंबर 2024 | 54.75 |
अक्टूबर 2024 | 51.99 |
नवंबर 2024 | 52.29 |
दिसंबर 2024 | 63.92 |
जनवरी 2025 | 68.43 |
फरवरी 2025 | 73.28 |
मार्च 2025 | 75.21 |
अप्रैल 2025 | 64.17 |
मई 2025 | 90.00 |
जून 2025 | 81.33 |
जुलाई 2025 | 109.07 |
लो बैलेंस अलर्ट से उपभोक्ताओं में समय पर भुगतान की प्रवृत्ति
स्मार्ट मीटर में बैलेंस कम होने या बिल लंबित रहने की स्थिति में कनेक्शन कटने की चेतावनी वाले संदेश मिलने से उपभोक्ता अब सजग हो गए हैं। कई उपभोक्ता एटीपी मशीनों के माध्यम से भुगतान कर रहे हैं। कोकर निवासी सुदर्शन महतो ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद उन्हें एक साथ चार से पांच महीने का बिल मिला, लेकिन चेतावनी संदेश मिलने के कारण उन्होंने समय पर भुगतान किया।
विभाग की राय
अधीक्षण अभियंता डीएन साहु ने बताया कि “पहले उपभोक्ताओं के घर ऊर्जा मित्र जाते थे, अब स्मार्ट मीटर लगने के बाद वह बंद हो गया है। ऐसे में जागरूकता अभियान और साउंड सिस्टम से प्रचार कर उपभोक्ताओं को समय पर भुगतान के लिए प्रेरित किया गया। इसका असर अब देखने को मिल रहा है।”
Highlights