Thursday, September 4, 2025

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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 15वें वित्त आयोग की स्वास्थ्य मद की राशि के खर्च को लेकर समीक्षा बैठक, दिए अहम निर्देश

रांची. मुख्य सचिव अलका तिवारी ने स्वास्थ्य मद में 15वें वित्त आयोग की 50 प्रतिशत राशि का खर्च अक्टूबर के मध्य तक सुनिश्चित करने का निर्देश सभी उपायुक्तों को दिया है। उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत राशि खर्च होने के बाद ही केंद्र से 1020.27 करोड़ की बकाया राशि पर दावा किया जा सकता है। इसे लेकर उन्होंने उपायुक्तों को मिशन मोड में तत्परता से कार्य करने पर बल दिया। इसके लिए एक्शन प्लान बनाने का निर्देश दिया, ताकि यह पता चलता रहे कि आगे कैसे बढ़ना है। इसको लेकर मुख्य सचिव ने सोमवार को 15वें वित्त आयोग की स्वास्थ्य मद की राशि के खर्च को लेकर समीक्षा बैठक की।

जहां भवन बना, वहां स्वास्थ्य सुविधा बहाल करें

मुख्य सचिव ने कहा कि जहां भवन का निर्माण हो चुका है, वहां जरूरी स्वास्थ्य सुविधा मुख्यालय से प्राप्त कर उसे क्रियाशील करें। इसकी हर सप्ताह समीक्षा करने का भी निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के दौरे के क्रम में उन्होंने कई जगह देखा कि स्वास्थ्य केंद्र का भवन बन गया है, लेकिन स्वास्थ्य सुविधा बहाल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि भवन बना है, तो उसका उपयोग भी सुनिश्चित होना चाहिए। उपायुक्त जरूरी सुविधा मुहैय्या कराते हुए उसे चालू कराएं, ताकि आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। जहां निर्माण पूर्ण हो चुका है, उसका भुगतान करने और डाटा को अद्यतन करने को कहा।

उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि जरूरत महसूस होने पर संबंधित विभाग से संपर्क करें और समस्या का समाधान सुनिश्चित कराएं। वहीं इस कार्य के सफल और समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए विशेष तौर पर जिलों में प्रतिनियुक्त तकनीकी कर्मियों को अपने नियंत्रण में लेकर उपायुक्तों को काम लेने का निर्देश दिया। उपायुक्तों ने मुख्य सचिव को बताया कि बारिश के कारण काम में थोड़ा विलंब हुआ है, लेकिन 15 अक्टूबर तक स्वास्थ्य मद की 50 प्रतिशत राशि का काम हो जाएगा।

948 पंचायतों में बनेंगे स्वास्थ्य उप केंद्रः अपर मुख्य सचिव

गौरतलब है कि 15वें वित्त आयोग की राशि से राज्य के तमाम इलाके में 1344.08 करोड़ रुपये से एचएससी, पीएचसी, सीएचसी, बीपीएचयू (ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट), यूएएएम (अरबन आयुष्मान आरोग्य मंदिर), पीएम अभीम (ABHIM) आदि का निर्माण हो रहा है। उसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डायग्नोस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को भी विकसित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि निर्माण के लिए जगह का चयन करने में अंचलाधिकारियों का सहयोग लें।

वहीं आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के लाभुकों का केवाईसी कराने में आपूर्ति और स्वास्थ्य पदाधिकारियों के साथ समन्वय बनाने पर बल दिया। उन्होंने एचएससी, पीएचसी, सीएचसी आदि के निर्माण में बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में और 168 स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण की योजना है। इसे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में और आदिम जनजाति इलाके में स्थापित करना है। इसके लिए सभी उपायुक्त अपने क्षेत्र में स्थान चिह्नित कर 15 दिनों में प्रस्ताव दें, ताकि इस पर आगे बढ़ा जा सके। उन्होंने बताया कि 948 पंचायतों में भी स्वास्थ्य उप केंद्र बहाल करना है।

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