रांची: दिशोम गुरुजी शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार के दौरान एक मार्मिक दृश्य सामने आया, जिसने झारखंड की सियासत में चल रही पारिवारिक दूरी को पलभर के लिए भुला दिया। रविवार को नेमरा गांव में जब हजारों-लाखों लोग गुरुजी को अंतिम विदाई देने पहुंचे, तो उनकी दोनों बहुएं — बड़ी बहू सीता सोरेन और छोटी बहू कल्पना सोरेन — एक साथ दिखीं।
राजनीतिक रूप से एक-दूसरे की घोर विरोधी मानी जाने वाली दोनों बहुओं ने गुरुजी की अंतिम यात्रा और संस्कार की सभी प्रक्रियाओं में कंधे से कंधा मिलाकर हिस्सा लिया। बीच में मां रूपी सोरेन और दोनों ओर सीता व कल्पना बैठी थीं, जो पारंपरिक रीति-रिवाज निभा रही थीं। यह नजारा देखकर लग ही नहीं रहा था कि राजनीति में वे कभी एक-दूसरे पर तीखे शब्दों से हमला करती रही हों।
उल्लेखनीय है कि सीता सोरेन पिछले दो वर्षों से परिवार से अलग रह रही हैं और अलग राजनीतिक दल से जुड़ी हुई हैं, जबकि कल्पना मुर्मू सोरेन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी हैं। इसके बावजूद, गुरुजी के अंतिम संस्कार के समय दोनों ने निजी मतभेद और राजनीतिक विरोध को भुलाकर परिवार के साथ मजबूती से खड़े रहने का संदेश दिया।
इससे पहले भी, नेमरा में राजाराम सोरेन के निधन के समय दोनों एक साथ पारिवारिक अनुष्ठानों में शामिल हुई थीं। अब एक बार फिर गुरुजी के निधन पर यह तस्वीर सामने आई, जिसने यह साबित कर दिया कि विपत्ति की घड़ी में सोरेन परिवार एकजुट होकर खड़ा रहता है।