डिजीटल डेस्क : Jammu Kashmir – उमर अब्दुल्ला दूसरे बार बने CM, सरकार में शामिल नहीं हुई कांग्रेस, डिप्टी समेत 5 मंत्रियों ने ली शपथ। 10 सालों के बाद Jammu Kashmir में हुए विधानसभा चुनाव के बाद बुधवार को श्रीनगर के इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में उमर अब्दुल्ला ने CM के तौर पर शपथ ली। बतौर CM उन्होंने दूसरी बार शपथ ली।
खास बात यह रही नेशलल कांफ्रेंस की चुनावी सहयोगी पार्टी कांग्रेस इस सरकार में शामिल नहीं हुई और कांग्रेस ने उमर अब्दुल्ला की सरकार को अपना समर्थन दिया है। समाहोर में डिप्टी CM समेत कुल 5 मंत्रियों ने भी शपथ ली।
केंद्र शासित Jammu Kashmir में गठित हुई पहली सरकार
बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश बने Jammu Kashmir में पहली सरकार का बुधवार को शपथ ग्रहण हुआ है। उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में CM पद और गोपनीयता की शपथ ली।
उमर अब्दुल्ला, उपमुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को Jammu Kashmir के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शपथ दिलाई। सुरिंदर चौधरी जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
गठित हुई सरकार में सीएम और डिप्टी CM के अलावा सकीना इट्टु, सतीश शर्मा, जावेद अहमद, डार जावेद राणा ने मंत्री पद की शपथ ली।
शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे राहुल-प्रियंका और अखिलेश गांधी समेत 50 वीवीआईपी
Jammu Kashmir में 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान हुए थे और बीते 8 अक्टूबर को परिणाम घोषित हुए थे। शपथ लेने से पहले उमर अब्दुल्ला ने अपने दादा स्वर्गीय शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की मजार पर गए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
बुधवार के शपथ ग्रहण में कई दिग्गज नेता पहुंचे। शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत करीब 50 वीवीआईपी भी पहुंचे।
इनमें समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि, महाराष्ट्र से सांसद सुप्रिया सुले और सीपीआई नेता डी राजा शामिल थे।
Jammu Kashmir CM उमर अब्दुल्ला बोले – हम भारत सरकार के साथ काम करने के तत्पर, बहाल हो राज्य का दर्जा
इस बीच CM उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैं 6 साल का कार्यकाल पूरा करने वाला आखिरी मुख्यमंत्री था। अब मैं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला मुख्यमंत्री बना हूं। पहले 6 साल तक सेवा की, मैं इससे काफी खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है।
लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए हम भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करके शुरू करना होगा।
बहुत कुछ करना है, लोगों को एक हौसला देना है कि उनकी हुकूमत है, उनकी आवाज सुनी जाएगी। 5-6 साल हो गए… कोई लोगों को सुनने के लिए तैयार नहीं था। हमारा फर्ज बनेगा कि हम उनकी बात सुने और उस पर अमल करें। हमारी कोशिश रहेगी कि हम लोगों के उम्मीदों के बराबर आएं’।