गया : बिहार के गया का पटवा टोली बुनकरों की बस्ती है। बुनकरों की बस्ती अब भी इंजीनियरों के गढ़ माना जाता है, क्योंकि यहां हर साल बच्चे इंजीनियर बनते हैं। इस बार जेईई मेंस-2 के रिजल्ट में भी में पटवा टोली के बच्चों का जलवा देखने को मिला है। तकरीबन 40 से अधिक बच्चों ने इस परीक्षा में क्वालीफाई किया है और अब 18 मई को होने वाले जेईई एडवांस्ड की परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। इस तरह बुुनकरो की बस्ती पटवा टोली ने एक बार फिर कमाल किया है।
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सागर कुमार ने जेईई मेंस-2 की परीक्षा में सफलता हासिल की है
आपको बता दें कि पटवा टोली के सागर कुमार ने जेईई मेंस-2 की परीक्षा में सफलता हासिल की है। जेईई मेंस-2 की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। सागर कुमार को जेईई मेंस-2 का रिजल्ट में 94.8 अंक प्राप्त हुए हैं। सागर कुमार की सफलता की हैरान करने वाली कहानी है। जब इसने होश भी नहीं संभाला था, तो इसके पिता गुजर गए थे। पिता की मौत के बाद सागर को बुनकरों की इस नगरी में सहारा मिला और इस गरीब बच्चे ने जेईई मैंस-2 के रिजल्ट में भी सफलता हासिल की है। इसका कहना है कि वह इंजीनियर बनकर देश की सेवा करना चाहता है। सागर कुमार ने बताया कि उसके पिता की मौत हो गई थी। वृक्ष संस्था जो कि पटवा टोली में बुनकरों के बच्चों के लिए काम करती है, इसका सहारा मिला और यही पढ़ाई शुरू कर दी। उसे सफलता मिली है, इसकी उसे बड़ी खुशी है। उन्होंने बताया कि दादी भी काम करती है, तब जाकर घर का गुजारा हो पाता है।
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अस्मिता कुमारी भी गरीब घर से आती है, अपनी को मनवाया लोहा
वहीं अस्मिता कुमारी भी गरीब घर से आती है, लेकिन इस गरीब बेटी की प्रतिभा ने लोहा मनवाया है। अस्मिता कुमारी बताती है कि उसके पिता बुनकर है। मां भी सूत कातने का काम करती है। काफी गरीब परिवार से हम लोग हैं। आर्थिक स्थिति खराब रहती है, लेकिन इसके बीच उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी। लगातार 12 घंटे तक मेहनत कर इस परीक्षा में सफलता आई है। वह आगे जाकर एक सफल इंजीनियर बनना चाहती है और देश का नाम रोशन करना चाहती है।
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आशीष कुमार की रिपोर्ट