Friday, October 24, 2025
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Kaimur: तालाब में डूबने से बच्चे की मौत, परिजनों में मचा कोहराम

Kaimur: जिले से इस वक्त की दर्दनाक खबर सामने आ रही है। मोहनिया थाना क्षेत्र के दसौती गांव में तालाब में नहाने के दौरान एक 12 वर्षीय बच्चे की डूबकर मौत हो गई। घटना के बारे में बताया जा रहा है कि दसौती गांव निवासी प्रेमचंद खरवार का 12 वर्षीय पुत्र कन्हैया खरवार अपने दोस्तों के साथ गांव के बाहर बने तालाब में नहा रहा था। इस दौरान वह अचानक गहरे पानी में चला गया और डूब गया।Kaimur: तालाब में डूबने से बच्चे की मौत घटना की जानकारी मिलते ही गांव के लोग मौके पर पहुंचे और बच्चे को किसी...

RJD खेमे के अति पिछड़ा नेताओं में मची भगदड़ कई प्रमुख नेताओं ने थामा JDU का दामन

पटना : जनता दल यूनाइटेड (JDU) प्रदेश कार्यालय पटना में आज आयोजित मिलन समारोह में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) खेमे के अति पिछड़ा समाज के कई प्रमुख नेता जो पूर्व में जदयू से जुड़े रहे थे घर वापसी की। इनमें मुख्य रूप से वैशाली के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी एवं राज्य मछुआरा आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष विजय कुमार साहनी, पूर्व विधान पार्षद गणेश भारती और वरिष्ठ नेता कुंडल वर्मा शामिल हैं। इन तीनों नेताओं के साथ ही सैकड़ों कार्यकर्ता भी जदयू परिवार का हिस्सा बने।JDU के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने सभी को पार्टी की सदस्यता दिलवायी इस मौके पर सभी...

दानापुर में चुनावी माहौल गरमाया, मीसा ने RJD कार्यालय का किया उद्घाटन, NDA पर किया तीखा हमला

दानापुर : दानापुर में चुनावी माहौल गरमा गया है। सगुना मोड़ स्थित राष्ट्रीय जनता दल (RJD) कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर सांसद मीसा भारती ने एनडीए पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने ऐसा उम्मीदवार दिया है जो न परिवार को छोड़ता है, न पार्टी को छोड़ता बस दूसरों को आगे बढ़ने नहीं देता। मीसा ने चुटकी लेते हुए कहा कि जब वे राजद में थे तब भी किसी को आगे बढ़ने नहीं दिया और अब भाजपा में जाकर वहीं रवैया अपनाए हुए हैं।महागठबंधन का मकसद साफ है कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना - मीसा...

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: राजनीतिक परिप्रेक्ष्य और महत्वपूर्ण तथ्यों का विस्तृत विश्लेषण

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रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तिथियों की घोषणा चुनाव आयोग द्वारा कर दी गई है। यह चुनाव राज्य की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है, क्योंकि इसके परिणाम न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं। आगामी चुनाव दो चरणों में आयोजित किए जाएंगे: पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा। परिणाम 23 नवंबर 2024 को घोषित किए जाएंगे।

राजनीतिक परिदृश्य

झारखंड में राजनीतिक परिदृश्य काफी जटिल और गतिशील है। वर्तमान में राज्य में सरकार का नेतृत्व झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) कर रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हैं। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विपक्ष में है और इस चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कटिबद्ध है। इसके अतिरिक्त, छोटे क्षेत्रीय दल भी चुनावी समीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

एनडीए गठबंधन की स्थिति

एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में बीजेपी और आजसू पार्टी प्रमुख दल हैं। हालांकि, पिछले चुनावों में बीजेपी ने राज्य में मजबूत स्थिति बनाई थी, लेकिन अब उन्हें अपनी सहयोगी पार्टी आजसू के साथ मिलकर सीटों का बंटवारा करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी ने अपनी चुनावी रणनीति में आजसू के साथ तालमेल बिठाने का प्रयास किया है, लेकिन दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर असहमति का दौर जारी है। यदि यह मुद्दा समय पर हल नहीं होता, तो यह एनडीए के एकजुटता को कमजोर कर सकता है।

इंडिया गठबंधन की चुनौतियां

विपक्षी गठबंधन, जिसे इंडिया के नाम से जाना जाता है, में जेएमएम, कांग्रेस और अन्य क्षेत्रीय दल शामिल हैं। हाल ही में जेएमएम की अध्यक्षता में गठबंधन की बैठकों का आयोजन हुआ है, लेकिन इन बैठकों में सीट बंटवारे पर कोई ठोस समझौता नहीं हो पाया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि विपक्षी दलों के बीच एकजुटता की कमी हो सकती है, जिससे चुनावी सफलता की संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं। खासकर, पिछले चुनावों में मतदाता ध्रुवीकरण के कारण जेएमएम को काफी सफलता मिली थी, लेकिन इस बार उनकी चुनावी रणनीति और एकता की परीक्षा होगी।

महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दे

  1. नक्सलवाद: झारखंड नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्र है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा नक्सलियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई और इन क्षेत्रों में मतदान की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए चुनाव आयोग ने विशेष सुरक्षा इंतजाम करने की योजना बनाई है। नक्सलवाद को नियंत्रित करने के लिए सरकार की नीतियों की समीक्षा और सुरक्षा बलों की भूमिका पर चर्चा इस चुनाव में प्रमुख मुद्दा हो सकता है।
  2. विकास और रोजगार: झारखंड की युवा जनसंख्या के लिए रोजगार के अवसर और विकास योजनाएं भी चुनावी चर्चा का केंद्र होंगी। पिछले कार्यकाल में सरकार ने विभिन्न विकास परियोजनाएं और रोजगार सृजन योजनाएं पेश की थीं, लेकिन इनकी कार्यान्वयन की स्थिति पर मतदाता अपनी राय रखेंगे। राजनीतिक दलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास युवा मतदाताओं के लिए ठोस योजनाएं और प्रस्ताव हों।
  3. समाज कल्याण योजनाएं: झारखंड सरकार की सामाजिक कल्याण योजनाओं की सफलता और उनके कार्यान्वयन की स्थिति भी चुनावी चर्चा का हिस्सा रहेगी। विशेषकर, अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए चलाई जा रही योजनाएं महत्वपूर्ण होंगी। राजनीतिक दलों को मतदाताओं को यह बताना होगा कि वे इन योजनाओं को कैसे और बेहतर बनाएंगे और राज्य में समाज कल्याण के लिए क्या नए कदम उठाएंगे।
  4. स्वास्थ्य और शिक्षा: स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए उठाए गए कदम भी महत्वपूर्ण मुद्दे होंगे। विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के बाद स्वास्थ्य प्रणाली की स्थिति पर मतदाता का ध्यान होगा। शिक्षा में सुधार और स्कूली संस्थानों के विकास के लिए भी ठोस योजनाओं की आवश्यकता होगी।

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 राज्य की राजनीतिक स्थिति के लिए एक निर्णायक क्षण हो सकता है। एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच बढ़ती खींचतान और सीट बंटवारे की अनिश्चितता यह संकेत देती है कि चुनावी मैदान में किसकी जीत होगी, यह अभी से कहना मुश्किल है। चुनावी मुद्दों पर जनता की राय और राजनीतिक दलों की रणनीतियां इन चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाएंगी।

23 नवंबर को चुनाव परिणामों के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि झारखंड की राजनीति का भविष्य किस दिशा में बढ़ेगा। यह चुनाव न केवल झारखंड के लिए, बल्कि भारतीय राजनीति में भी नए दिशा-निर्देश स्थापित करने का अवसर प्रदान कर सकता है। इस चुनाव में जनता की भागीदारी और राजनीतिक दलों की नीतियों का परिणाम ही झारखंड के विकास के रास्ते को निर्धारित करेगा।

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