रांची: झारखंड एटीएस को आतंकवाद के खिलाफ अभियान में एक और बड़ी सफलता मिली है। एटीएस की टीम ने धनबाद से अमार यसार नामक एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया है, जो पूर्व में प्रतिबंधित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ा रहा है। यह झारखंड में हिज्ब उत तहरीर के मॉड्यूल से जुड़ी अब तक की पांचवीं गिरफ्तारी है।
झारखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता ने रविवार को प्रेसवार्ता में जानकारी दी कि अमार यसार को धनबाद से गिरफ्तार किया गया है। अमार यसार का नाम पहली बार वर्ष 2014 में सामने आया था, जब राजस्थान के जोधपुर से उसे इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध सदस्य के तौर पर पकड़ा गया था। लंबे समय तक जेल में रहने के बाद वर्ष 2024 में रिहा होने पर उसने फिर से आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होना शुरू कर दिया था। इस बार वह हिज्ब उत तहरीर के नेटवर्क से जुड़कर देश विरोधी साजिशों को अंजाम दे रहा था।
गौरतलब है कि इससे पहले शनिवार को झारखंड एटीएस ने धनबाद के विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर चार अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इनमें अलीपुर से गुलफाम हसन (21), भूली के आजाद नगर अमन सोसायटी से आयान जावेद (21), शमशेर नगर से उसकी पत्नी शबनम परवीन (20) और मोहम्मद शहजाद आलम (20) शामिल हैं। इनके पास से दो पिस्टल, 12 गोलियां, प्रतिबंधित संगठनों की किताबें, दस्तावेज और आधा दर्जन से अधिक मोबाइल फोन तथा लैपटॉप बरामद किए गए हैं।
डीजीपी गुप्ता ने बताया कि एटीएस की टीमें झारखंड में हिज्ब उत तहरीर के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही हैं।
जानें क्या है हिज्ब उत तहरीर
हिज्ब उत तहरीर एक इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है, जिसकी स्थापना वर्ष 1953 में यरुशलम में की गई थी। इस संगठन का मकसद दुनियाभर में खिलाफत यानी इस्लामिक स्टेट की स्थापना करना है। भारत सरकार ने वर्ष 2010 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। संगठन का मुख्य कार्य युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें आतंकी संगठनों में शामिल करना और लोकतांत्रिक सरकारों को उखाड़ फेंकना है।
झारखंड पुलिस की ताजा कार्रवाई ने यह संकेत दिया है कि राज्य में आतंकी नेटवर्क फैलाने की साजिशें गुपचुप तरीके से चल रही थीं, जिन्हें अब बेनकाब किया जा रहा है।