झारखंड हाईकोर्ट ने सहायक अभियंता नियुक्ति-प्रोन्नति नियमावली में देरी पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा, नवंबर तक नियमावली नहीं बनी तो चलेगा अवमानना मामला।
झारखंड हाईकोर्ट सख्त:रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को एक बार फिर कड़ी चेतावनी दी है। सोमवार को जस्टिस एस.एन. प्रसाद और जस्टिस ए.के. राय की खंडपीठ ने सहायक अभियंता नियुक्ति और प्रोन्नति नियमावली तैयार करने में हो रही देरी पर गंभीर नाराजगी जताई। अदालत ने कहा कि सरकार जानबूझकर प्रक्रिया को टाल रही है और यह अस्वीकार्य है।
झारखंड हाईकोर्ट सख्त:
सुनवाई के दौरान अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार लगातार बहाने बना रही है — कभी विधि विभाग, कभी वित्त विभाग या फिर महाधिवक्ता से परामर्श का हवाला देकर नियमावली लागू करने में टालमटोल कर रही है। अदालत ने स्पष्ट किया कि अगर अगली सुनवाई तक नियमावली तैयार नहीं की गई, तो इसे आदेश की अवहेलना (Contempt of Court) माना जाएगा।
Key Highlights:
झारखंड हाईकोर्ट ने सहायक अभियंता नियुक्ति-प्रोन्नति नियमावली लागू न होने पर जताई नाराजगी
अदालत ने कहा, जानबूझकर नियमावली लागू करने में देरी की जा रही है
मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश, सरकार ने मांगी छूट
अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी, तब तक नियमावली तैयार करने का आश्वासन
हाईकोर्ट ने चेताया—अगर नियमावली नहीं बनी, तो अवमानना मानी जाएगी
खंडपीठ ने मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश भी दिया। हालांकि, सरकार की ओर से इस पर छूट की मांग की गई और अदालत को भरोसा दिलाया गया कि अगली सुनवाई से पहले नियमावली तैयार कर ली जाएगी।
झारखंड हाईकोर्ट सख्त:
अदालत ने इस आश्वासन को रिकॉर्ड पर लेते हुए मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर के लिए निर्धारित कर दी। यह याचिका डिप्लोमा इंजीनियरिंग एसोसिएशन और अन्य संबंधित पक्षों द्वारा दायर की गई थी।
झारखंड हाईकोर्ट सख्त:
हाईकोर्ट का यह सख्त रुख स्पष्ट संदेश देता है कि नियमावली के अभाव में न तो नई नियुक्ति हो सकेगी और न ही मौजूदा अभियंताओं की प्रोन्नति प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। अब राज्य सरकार के पास सीमित समय बचा है, और नवंबर तक नियमावली लागू न होने की स्थिति में उसे अवमानना का सामना करना पड़ सकता है।
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