झारखंड के सत्ताधारी दल को राष्ट्रपति से मिलने का नहीं मिला समय, विनोद पांडेय ने जताई नाराजगी

झारखंड

रांची. झारखंड की सत्ताधारी पार्टियों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का समय नहीं दिया गया है। इस पर जेएमएम के महासचिव विनोद पांडेय ने नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस पत्र में सरना कोड, एससी-एसटी और पिछड़ा वर्ग आरक्षण और 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति के विषयों को लेकर समय मांगा गया था, लेकिन राष्ट्रपति की ओर से मिलने का समय नहीं दिया गया है।

झारखंड के लिए दुर्भाग्यपूर्ण

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन से जो सूचना मिली है, वह राज्य, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा और गठबंधन के लिए बहुत आश्चर्यजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। जो पत्र भेजा गया था, उसमें सरना धर्म कोड का भी जिक्र है, जो कि इस राज्य का ज्वलंत मुद्दा है। उसे लागू करने की मांग की जा रही है।

उन्होंने कहा कि एसटी-एससी और ओबीसी के आरक्षण को बढ़ाकर राज्यपाल के पास भेजा गया। काफी दिनों तक इसे लंबित रखने के बाद राज्यपाल की टिप्पणी आई, जो कि राज्य की भावना से विपरीत थी। उसी प्रकार 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को भी विधानसभा से पारित कर राजभवन भेजा गया था।

वहीं केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू सीएए पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के प्रति जो लोगों की सोच बन रही है, उन मुद्दों से भटकाने का प्रयास है।

नीरज कुमार की रिपोर्ट

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